गत सप्ताह हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने चंडीगढ़ के प्रशासक व पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से मुलाकात की। इस मुलाकात में गुप्ता ने राज्यपाल को चंडीगढ़ में हरियाणा का अलग विधानसभा भवन बनाने के लिए जमीन की अदला-बदली के प्रस्ताव पर चर्चा की। इसके बाद से पंजाब में राजनीति गरमा गई है।
शिरोमणि अकाली दल के नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम मजीठिया ने बनवारी लाल पुरोहित से इस प्रस्ताव को अस्वीकार करने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि यह प्रस्ताव संवैधानिक औचित्य के खिलाफ है। वहीं, भाजपा नेता सुनील जाखड़ ने इस मांग को तर्कहीन व बेबुनियाद करार दिया है।
अकाली नेता ने कहा कि चंडीगढ़ पंजाब का अभिन्न हिस्सा है और हरियाणा सरकार मूल राज्य पंजाब की सहमति के बिना जमीन की अदला-बदली के लिए आवेदन नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि ‘अगर इस तरह के अनुरोधों पर विचार किया जाता है तो इससे अराजकता पैदा होगी
क्योंकि पंजाब और हिमाचल सरकार को जमीन की अदला-बदली के लिए अनुरोध करने से कोई नहीं रोक सकता है। उन्होंने कहा कि यह आवेदन संविधान की धारा 3 के खिलाफ भी है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि केवल संसद ही राष्ट्रपति की सहमति से किसी राज्य की सीमाओं को बदल सकती है’।