सरकारी प्रवक्ता ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वे सरकार द्वारा चलाई जा रही फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित योजनाओं का लाभ उठाएं और पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने में अपना सहयोग करें। उन्होंने बताया कि फसल अवशेष प्रबंधन करने से हम भूमि की उर्वरा शक्ति, पशु पक्षियों के बचाव एवं मानवीय दुर्घटनाएं होने से बचा सकते हैं।
फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर जिला के गांव-गांव में पहुंचकर किसानों को फसल अवशेष खेतों में न जलाने बारे जागरूक करें, ताकि भूमि की उर्वरा शक्ति बनी रहे और पर्यावरण को भी कोई नुकसान न हो। फसल अवशेष जलाने से हमारी आने वाली पीढिय़ों पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने जिला के किसानों से भी अपील की है कि वे फसल अवशेषों का समुचित प्रबंधन करने के लिए आधुनिक कृषि यंत्रों का उपयोग करें, कहीं पर भी खेतों में फसल अवशेष न जलाएं, सरकार द्वारा कृषि यंत्रों पर किसानों को अनुदान उपलब्ध करवाया जा रहा है।
उन्होंने अपील की है कि किसान पर्यावरण एवं स्वास्थ्य हित में अपना फर्ज एवं दायित्व निभाते हुए पराली को खेतों में आग न लगाने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण से सांस, फेफड़ों से संबंधित बीमारियों के अलावा अस्थमा व कैंसर जैसी बिमारियां फैल रहीं हैं।