प्रदेश सरकार के निर्णय के अनुसार मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना का लाभ अब विवाह पंजीकरण के बाद दिया जाएगा। अब विवाह पंजीकरण के बाद ही आवेदन कर सकेंगे। अब इस योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थियों को नए पोर्टल 222.ह्यद्धड्डड्डस्रद्ब.द्गस् रद्बह्यद्ध.द्दश1.द्बठ्ठ पर आवेदन करना होगा। इससे पूर्व सरल पोर्टल पर आवेदन किया जाता था।
उन्होनें बताया कि मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना में अब विवाह पंजीकरण करवाने के बाद ही शगुन राशि मिल सकेगी।
पहले आवेदक को शादी करने के बाद तीन माह के अंदर आवेदन करना होता था, लेकिन तब विवाह पंजीकरण करवाना अनिवार्य नहीं था। अब आवेदक को तीन माह की बजाय आवेदन करने के लिए छ: माह का समय मिलेगा, परंतु आवेदक को विवाह पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा। अब विवाह पंजीकरण के बाद ही लाभार्थी आवेदन कर सकेंगे। तभी उन्हें योजना का लाभ मिलेगा। अनुसूचित जाति व पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा इस संदर्भ में हिदायतें जारी की गई है।
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सरल पोर्टल की बजाय अब नए पोर्टल पर करना होगा आवेदन-
पहले आवेदक इस योजना का लाभ लेने के लिए सरल पोर्टल के माध्यम से आवेदन करते थे। अब विभाग ने सरल पोर्टल की बजाय नए पोर्टल पर आवेदन करने की हिदायतें जारी की है। आवेदक को विवाह पंजीकरण के उपरांत नए पोर्टल 222.ह्यद्धड्डड्डस्रद्ब.द्गस् रद्बह्यद्ध.द्दश1.द्बठ्ठ पर आवेदन करना होगा।
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मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले अनुसूचित जाति, विमुक्त जाति एवं टपरीवास जाति के परिवारों को 71 हजार रूपए व विधवाओं को उनकी लडक़ी की शादी के लिए तथा दुल्हा-दुल्हन दोनों दिव्यांग हो तो उन्हें 51 हजार रूपए की शगुन राशि प्रदान की जाती है। अन्य समाज के सभी वर्गों के लिए लडक़ी की शादी के लिए 31 हजार रूपए, सभी वर्ग से संबंधित महिला खिलाड़ी का दुल्हा-दुल्हन में से एक दिव्यांग है तो उन्हें भी 31 हजार रूपए की राशि देने का प्रावधान है।