प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं के कल्याण के लिए विकास तथा उन्नति से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा मातृ शक्ति उद्यमिता योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत प्रदेशभर में प्रतिवर्ष 2 हजार महिला उद्यमियों को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है।
योजना के माध्यम से महिलाओं को कृषि, उद्योग, व्यापार आदि क्षेत्रों में आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जायेगा। इस योजना का क्रियान्वयन हरियाणा महिला विकास निगम के माध्यम से किया जायेगा। महिलाओं को स्वरोजगार के लिए 3 लाख रुपये तक आसान ऋण उपलब्ध करवाया जायेगा। इस योजना की पात्रता शर्तों में हरियाणा की उद्यमी महिला योजना का लाभ ले सकेंगे, जिनकी वार्षिक आय परिवार पहचान पत्र के आंकड़ों के आधार पर प्रमाणित 5 लाख रुपये से ज्यादा न हो। ऋण के लिए आवेदन के समय ऐसी उद्यमी महिलाओं की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए तथा आवेदक पहले से लिये गए ऋण का डिफॉल्टर नहीं होना चाहिए। योजना के तहत समय पर किश्त का भुगतान करने पर 7 प्रतिशत ब्याज देना होगा। ऋण की अधिकतम सीमा 3 लाख रुपये है।
योजना के तहत डेयरिंग, उद्योग विभाग की सूची में शामिल नकारात्मक गतिविधियों तथा केवीआईबी को छोडकऱ अन्य सभी गतिविधियां शामिल है। इन गतिविधियों में यातायात वाहन के तहत ऑटो रिक्शा, छोटा सामान ढोने के वाहन, थ्री-व्हीलर, ई-रिक्सा, टैक्सी तथा वाणिज्यिक उद्देश्य के लिए प्रयोग होने वाले दो पहिया वाहन, समुदाय, सामाजिक व व्यक्तिगत सेवा गतिविधियां के तहत शैलून, ब्यूटीपार्लर, जिम्रेजियम, बूटिक, टैलरिंग शॉप, ड्राइक्लीनिंग, साइकिल व मोटरसाइकिल मरम्मत शॉप, स्मॉल सर्विस फूड स्टॉल, डे टू डे कैटरिंग/कैंटीन सेवाएं, कोल्ड चैन वाहन, कोल्ड स्टोरेज, बर्फ बनाने की इकाई, आईसक्रीम, मैकिंग यूनिट, बिस्कुट, ब्रेड व बन बनाना शामिल है।