November 24, 2024

हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा कि मक्का उत्पादक किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर किसान अपनी फसलों का पंजीकरण करवायें जिससे कि उन्हें फसल बेचने में कोई समस्या न आएं। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जयप्रकाश दलाल आज शहजादपुर के रेड फोर्ट में मक्का दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय मक्का दिवस कार्यक्रम में उपस्थित किसानों को सम्बोंधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर भारत सरकार के कृषि आयुक्त डॉ0 पी.के.सिंह ने शिरकत की।
राज्य स्तरीय मक्का दिवस कार्यक्रम का शुभारम्भ कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जयप्रकाश दलाल ने एक किसान द्वारा मक्का से तैयार केक को काटकर व किसान को केक खिलाकर किया।
पहले यह कार्यक्रम गांव चताण में रखा गया था लेकिन वर्षा को देखते हुए इसके स्थान में परिवर्तन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन अन्र्तराष्ट्रीय मक्का एवं गेहूं सुधार केन्द्र, आईसीएसआर-केन्द्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान व कृषि एवं किसान कल्याण विभाग हरियाणा तथा आईसीएआर-भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान चौधरी चरण सिंह, हरियाणा कृषि विश्विविद्यालय हिसार द्वारा आयोजित किया गया था।
राज्य स्तरीय मक्का दिवस कार्यक्रम में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि फसल विविधीकरण आज के समय की जरूरत है। हरियाणा एक मात्र ऐसा राज्य है जिसने धान से विविधीकरण और जल संरक्षण के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से दो नवीन योजनाएं शुरू की गई हैं।
मेरा पानी मेरी विरासत- उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने 1.16 लाख एकड़ क्षेत्र में धान से अन्य वैकल्पिक फसलों में विविधीकृत करने पर किसानों को 7 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से डीबीटी के माध्यम से 74,133 किसानों को 76 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया गया है और चालू वर्ष के लिए 1 लाख एकड़ का लक्ष्य रखा गया है और अब तक 84 हजार एकड़ का पंजीकृत किया जा चुका है।
इसी प्रकार सीधी धान बिजाई (डीएसआर)/डीएसआर योजना-2021 के तहत 1 लाख एकड़ का लक्ष्य रखा गया था लेकिन 1.13 लाख एकड़ पंजीकृत हुआ है। इस योजना के तहत किसानों को 4 हजार रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि और 500 डीएसआर बुवाई मशीन पर व 40 हजार रूपये मशीन सहायता प्रदान की जा रही है।
मक्का- कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जय प्रकाश दलाल ने कहा कि प्रदेश में मक्का फसल को सोनीपत, पंचकुला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र और कैथल के क्षेत्र में 15000-20000 एकड़ में बोया जाता है,
प्रदेश में  मक्का, बाजरा और कपास में धान की तुलना में कम पानी लगता है। उदाहरण के लिए मक्का को धान की तुलना में एक तिहाई पानी की आवश्यकता होती है। यह एक बहुउपयोगी फसल है व मनुष्य के साथ-साथ पशुओं के आहार का प्रमुख अवयव भी है तथा औद्योगिक दृष्टिकोण से इसका महत्वपूर्ण स्थान भी है।

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