गुरुग्राम नगर निगम हमेशा भ्रष्टाचार को लेकर सुर्खियों में रहा है। चाहे हाउस टैक्स में भ्रष्टाचार की बात हो या फिर टैक्सेशन और विकास कार्यो में भ्रष्टाचार की बात हो। बीते कई महीनों से नगर निगम में कार्यरत अधिकारियों की कार्यशैली पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं जिसकी जांच नगर निगम विजलियंस की टीम कर रही है।वही भ्रष्टाचार पर गुरुग्राम की मेयर मधु आज़ाद ने सत्ता में बैठे नेताओ पर तंज कसते हुए कहा कि ‘ गुरुग्राम में राजनेता अपने अधिकारियों को भेजे, काबिल अधिकारियों को भेजे’।
मेयर मधु आजाद के बयान से ये साफ होगया है कि सत्ता का लाभ उठाकर गुरुग्राम में राजनेता अपनी सिफारिश से अधिकारियों की तैनाती कराते है और शायद यही वजह है कि गुरुग्राम नगर निगम में भ्रष्टाचार अपने चरम सीमा पर है। लेकिन नगर निगम कमिश्नर ने ऐसे तमाम मामलों पर केवल चुप्पी साधे रखी।
दरअसल आज नगर निगम गुरूग्राम के सदन की सामान्य बैठक आयोजित की गई। बैठक में विभिन्न वार्डों से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। इस बैठक में स्ट्रीट लाइट का मुद्दा गरमाया। साथ ही पार्षदों द्वारा निगम क्षेत्र में रेहड़ी-पटरी की समस्या का मुद्दा उठाया गया। जिसके समाधान के लिए योजना तैयार की गई है।जिसके तहत इन्हें नजदीकी वैंडिंग जोन में शिफ्ट किया जाएगा। वैंडिंग जोन से बाहर जो भी रेहडिय़ां होंगी, उन्हें जब्त कर लिया जाएगा। इसके लिए डिप्टी म्यूनिसिपल कमिशनर के नेतृत्व में 20 कर्मचारियों की टीमें बनाई गई हैं और पुलिस आयुक्त से इस कार्य के लिए पुलिस फोर्स भी मांगी गई है।