हरियाणा सरस्वती हैरिटेज बोर्ड डिप्टी चेयरमैन धूमन सिंह किरमिच ने जिला यमुनानगर के चनेटी बौद्ध स्तूप का दौरा किया। डिप्टी चेयरमैन धूमनसिंह किरमिच ने बौद्ध स्तूप की परिक्रमा की व बुद्ध स्तूप व उसके आस-पास के क्षेत्र का बारीकी से निरीक्षण किया। उन्होंने बताया की गांव के लगभग 100 वर्ग मीटर के क्षेत्र में लगभग 8 मीटर की ऊंचाई वाला यह एक विशाल स्तूप है। ऐसा माना जाता है कि इसका निर्माण सम्राट अशोक ने स्वयं करवाया था। यह गोलाकार में बना हुआ है, यह बौद्ध स्तूप अद्भुत संरचना है देखने पर यह लगता है कि इस स्तूप का निर्माण करने के लिए उस समय बहुत ज्यादा मेहनत की गई थी, देखने से पता चलता है कि निर्माण के दौरान गाढ़ी परतो को एक दूसरे पर रखा गया होगा, हर बार अंतर्निहित परत पर कुछ जगह छोड़ी गई है, इस स्तूप के चारों ओर पत्थर के रेलिंग का कोई निशान नहीं दिखा है।
धूमनसिंह किरमिच ने बताया कि हरियाणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल व पर्यटन मंत्री कंवरपाल ऐतिहासिक जगहों को पूरा महत्व दे रहे है। चनेटी बौद्ध स्तूप के आस-पास रहने वाले गणमान्य नागरिकों ने व वहाँ दर्शन करने आए श्रद्धालुओं ने डिप्टी चेयरमैन धूमनसिंह किरमिच से अनुरोध किया कि इस बौद्ध स्तूप से थोड़ी दूरी पर एक विश्राम हाल, कैन्टीन व शौचालय की व्यवस्था अगर हो जाए तो यहाँ आने वाले पर्यटकों व श्रद्धालुओं की संख्या में ओर ज्यादा बढ़ोतरी हो सकेगी व श्रद्धालुओं को आराम भी मिल सकेगा।
उन्होंने सभी की बातों को ध्यान से सुना व कहा कि चनेटी बौद्ध स्तूप स्थल के बारे में वो सारी स्थिति का अध्ययन करेंगें। हरियाणा सरकार ने प्राचीन सरस्वती नदी के लिए कई योजनाएं तैयार की है उससे प्राचीन सरस्वती नदी धरातल पर बहने लगी है। सरस्वती नदी के उद्गम स्थल आदिबद्री में कई योजनाएं शुरू की गई है जिनके सकारात्मक परिणाम सामने आने लग गए है।