November 24, 2024

इस बार दिल्ली से सटे एरिया में बासमती धान उत्पादक किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ सकती है। एक तरफ बारिश न होने से उत्पादन घटने के आसार हैं, तो दूसरी तरफ बाजार भाव को लेकर चिंता है।

चावल के निर्यात पर रोक के चलते इस बार धान का बाजार भाव कम ही रहने की संभावना है। बहादुरगढ़ में तो धान उत्पादक किसान चिंता में डूबे हैं। यहां पर लगभग 10 हजार हेक्टेयर में धान की फसल है लेकिन बारिश के बिना फसल को बचाने की चुनौती है।

सावन और भादो इस बार सूखे ही रहे। अब आश्विन चल रहा है। इस माह में बरसात की संभावना न के बराबर होती है। वैसे भी अब मानसून की विदाई हो रही है। ऐसे में धान उत्पादकों के लिए दिक्कत बढ़ रही है। दरअसल, बहादुरगढ़ में जुलाई के आखिर तक धान की खूब रोपाई हुई।

किसानों की ओर से धान की अलग-अलग किस्मों को तवज्जो दी जाती है। दिल्ली से सटे प्रदेश के इलाकों में बासमती किस्मों की बिजाई-रोपाई ज्यादा होती है। वैसे तो सरकार का जोर यह रहता है कि किसान मोटा धान की रोपाई पर ध्यान दें।

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