बीते 3 महीने से गांव कासन और आसपास के 25 गांवों के किसान 1810 एकड़ जमीन के अधिग्रहण का विरोध कर रहे है, लेकिन प्रदेश सरकार उनकी सुनने को तैयार नही है। ऐसे में किसानों ने अब 18 सितंबर को महापंचायत करने का फैसला लिया है। इस महापंचायत के लिए किसानों ने प्रदेश के सभी किसान नेताओ को न्यौता दिया है। किसानों की माने तो सरकार अगर उनकी जमीन को नही छोड़ती तो वह सड़क पर बैठने को मजबूर होंगे ।
मगर अपनी जमीन नही छोड़ेंगे, चाहे उनकी जान ही क्यो न चली जाए। किसानों की माने तो उन्होंने रास्ट्रपति से भी इक्छा मृत्यु की मांग की थी, लेकिन रास्ट्रपति ने भी उन्हें इसकी इजाजत नही दी। ऐसे में उनके सामने कोई विकल्प नही बचा है। अब किसान अपनी जमीन के किए आरपार की लड़ाई लड़ने को तैयार है। इसी को लेकर महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है।
किसानों की माने तो हरियाणा सरकार किसानों को कमजोर समझने की भूल न करे । जैसे किसानों ने किसान बिल को वापस करवाया था वैसे ही इस 1810 एकड़ जमीन को भी मुक्त करवाएंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल वैसे तो कहते फिरते है कि वह किसान हितेषी है लेकिन उन्हें 1810 एकड़ जमीन को लेकर संघर्ष कर रहे किसान नजर नही आ रहे।
अगर सरकार अब भी नही चैती तो आंदोलन को मजबूर होंगे किसान। आगामी 18 सितंबर को होने वाली महापंचायत में रणनीति तैयार की जाएगी कि जमीन मुक्त करवाने के लिए क्या करना है। वैसे किसान मन बना चुका है कि उसे जमीन नही छोड़नी। सरकार उनकी बात पर गौर करती है तो ठीक नही तो सड़क पर बैठ जाएंगे। उसके बाद जो होगा वह सभी देखेंगे।