पंडित बीडी शर्मा पीजीआईएमएस रोहतक के डेंटल विभाग के डॉक्टरों ने 36 वर्षीय प्रेम सिंह नामक व्यक्ति की गर्दन के आर पार हुई लकड़ी की यूनिक सर्जरी की है। लगभग ढाई घंटे चले इस जटिल ऑपरेशन के बाद अब मरीज बिल्कुल ठीक है। इस सफल ऑपरेशन को किसी चमत्कार से कम नहीं माना जा रहा है। जिसके बाद मरीज को नई जिंदगी मिली है परिजनों का कहना है कि डॉक्टर उनके लिए भगवान का रूप है ।
बीते शुक्रवार को हरियाणा के जिला फतेहाबाद के गांव भोडिया खेड़ा के 36 वर्षीय प्रेम सिंह अपनी पत्नी के साथ खेत में पेड़ पर चढ़कर लकड़ी काट रहे थे की अचानक जमीन पर आ गिरे जिसके बाद जमीन पर पडा एक लकड़ी का टुकड़ा उनकी गर्दन के आर पार हो गया। पत्नी राजबाला ने समझदारी दिखाते हुए लकड़ी को मरीज के शरीर के अंदर ही रहने दिया और उसे फतेहाबाद के सरकारी अस्पताल की तरफ ले कर दौड़ पड़ी । मामला गंभीर होने की वजह से उसे पीजीआई रोहतक रेफर किया गया जहां पर उसका शनिवार को सफल ऑपरेशन हुआ है।
डेंटल विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ वीरेंद्र सिंह ने बताया कि जैसे ही मरीज उनके पास आया उसकी हालत काफी खराब थी उनके सामने चुनौती यह थी कि मरीज के गर्दन के आर पार हुई लकड़ी से दिमाग को खून पहुंचाने वाली मुख्य नली को बचाना था जिसके लिए डॉक्टरों का एक पूरा पैनल तैयार किया गया और ढाई घंटे चले इस सफल ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने राहत की सांस ली।
दूसरी तरफ इस ऑपरेशन में एनेस्थीसिया विभाग के डॉक्टरों की अहम भूमिका रही है विभाग के डॉक्टर डॉक्टर प्रशांत का कहना है कि उन्होंने मरीज की पल्स रेट देखते हुए ब्लड प्रेशर को सामान्य रखते हुए एनेस्थीसिया दिया गया क्योंकि लकड़ी मरीज के गर्दन से होते हुए बाएं कान से आरपार हो चुकी थी और खतरा यह था कि कहीं मरीज के दिमाग को खुन पहुंचाने वाली मुख्य नली को नुकसान पहुँचा तो ब्लीडिंग काफी मात्रा में हो जाएगी उस हालत में मरीज की जान को खतरा हो सकता था। लेकिन डॉक्टरों की टीम ने सावधानीपूर्वक इस सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया है। अब मरीज आईसीयू से वार्ड में शिफ्ट कर दिया है और बिल्कुल ठीक-ठाक है।