दिल्ली पुलिस के एक हेड कांस्टेबल ने सूदखोर और लेनदारों के दबाव में आत्महत्या कर ली। मृतक हेड कॉन्स्टेबल ने मरने से पहले 8 पेज का सुसाइड नोट भी लिखा। जिसमें गांव के ही तीन लोगों को उसने अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है। मामला बहादुरगढ़ शहर से सटे नया गांव का है। जहां सुबह के समय दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल के पद पर कार्यरत प्रवीण नाम के शख्स ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या की है। 28 वर्षीय प्रवीण फिलहाल राजधानी दिल्ली के पीतमपुरा थाने में तैनात था।
मृतक प्रवीण के चाचा और भाई ने बताया कि प्रवीण का गांव के ही 3 लोगों के साथ पैसे का लेनदेन था। जिन्होंने प्रवीण को मोटे ब्याज पर पैसे दिए थे। हालांकि प्रवीण ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि वह ज्यादातर पैसे वापस दे चुका था। लेकिन इसके बावजूद भी आरोपियों ने उस पर दबाव डालकर उसकी सारी जमीन अपने नाम करा ली। इतना ही नहीं उसका पुश्तैनी घर तक सूदखोरों ने अपने नाम करा लिया। जिसे खाली करने का दबाव अब आरोपियों की तरफ से बनाया जा रहा था। जिसके चलते प्रवीण ने आत्महत्या कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। प्रवीण ने अपने सुसाइड नोट में सात अन्य लोगों को भी उधार दिए पैसे वापस नहीं देने के आरोप लगाए हैं। जिनमें दिल्ली पुलिस का भी एक कर्मचारी शामिल है। जिसने प्रवीण के रिश्तेदारों को नौकरी लगवाने के एवज में 70 लाख रुपये प्रवीण से ले रखे हैं।
प्रवीण ने सुसाइड नोट में साफ तौर पर लिखा है कि उसने कब कब और कितने पैसे सूदखोरों और लेनदारों को दिए हैं। प्रवीण में सुसाइड नोट में पुलिस से उसके सारे पैसे अपने दो बच्चों को दिलवाने की गुहार लगाई है। परिजनों ने प्रवीण को प्रताड़ित कर आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। फिलहाल पुलिस ने परिजनों के बयान के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है। इतना ही नहीं मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए बहादुरगढ़ के सामान्य अस्पताल भिजवाया गया है। साथ ही आरोपियों की धरपकड़ के लिए प्रयास भी शुरू कर दिए गए हैं। लेकिन आरोपी कब तक पुलिस गिरफ्त में आते हैं यह देखने वाली बात होगी।