होडल के गांव लोहिना के हाई स्कूल में अध्यापक नहीं होने की वजह से ग्रामीणों ने और छात्र छात्राओं ने स्कूल के गेट पर ताला जड़ दिया। ग्रामीणों ने बताया कि ट्रांसफर पॉलिसी के तहत स्कूल में पढ़ाने वाले सभी अध्यापकों ने अपना ट्रांसफर अपने गांव के समीप और शहरों में करा लिया है जिस वजह से स्कूल में बच्चों की पढ़ाई के लिए कोई भी अध्यापक मौजूद नहीं है। स्कूल में पढ़ने वाले छात्र छात्राओ के साथ ग्रामीणों का भी कहना है कि स्कूल में बच्चों के पढ़ाने के लिए अध्यापक नहीं होने की वजह से बच्चों की पढ़ाई पर काफी असर पड़ रहा है ।
ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल के गेट पर जब तक ताला जड़ा रहेगा जब तक स्कूल में अध्यापक नहीं आ जाएंगे। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से ,केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर,हरियाणा के शिक्षा मंत्री स्थानीय नेताओं से लगा चुके हैं गुहार लेकिन किसी ने नहीं करी कोई सुनाई । स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य अधर में लटका। स्कूल में 197 छात्र ,छात्राएं हैं । सूचना के बाद मौके पर पहुंचे ए बी आर सी मनीष गुप्ता ने बताया की स्कूल जल्द ही तीन अध्यापक भेजे जाएंगे ।
जिस वजह से स्कूल में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को पढ़ाने के लिए एक ही अध्यापक है जी सोसल साइंस पढ़ाता है जबकि स्कूल में 197 छात्र छात्राएं हैं । स्कूल में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं का कहना है की अब आगे दसवीं कक्षा के एग्जाम भी आने वाले हैं और उनको पढ़ाने के लिए स्कूल में अध्यापक उपलब्ध नही है। बच्चों ने कहा की ऐसे में उनकी पढ़ाई कैसे हो । 20 दिनों से वह स्कूल जाते हैं और कोई भी अध्यापक नही होने की वजह से बिना पढ़े ही वह वापिस घर आ जाते हैं इसलिए आज उन्होंने स्कूल पर ताला लगाया है । बच्चों ने कहा की जब तक उनके स्कूल में अध्यापक नहीं आ जाते हैं तक तक वह स्कूल पर ताला लगाकर रखेंगे।
जब इस बारे में मौके पर मौजूद ग्रामीणों से बात की उन्होंने बताया की वैसे सरकार कहती है की बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाओ लेकिन स्कूलों में अध्यापक ही नही है तो वह अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में केसे पढ़ाएं। ग्रामीणों ने बताया की उनके गांव के स्कूल में 197 छात्र छात्राएं हैं लेकिन एक ही अध्यापक है जी सोसल साइंस पढ़ाता है। दूसरे ,हिंदी,इंग्लिश,साइंस और गणित को कौन पढ़ाए। ग्रामीणों ने कहा की गांव के स्कूल से जी अध्यापक ट्रांसफर कराकर गए हैं वह सरकार की ट्रांसफर पॉलिसी के तहत अपने अपने गांव के समीप या शहरों में चले गए हैं और स्कूल खाली हो गए हैं ।
ग्रामीणों ने कहा की उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से, शिक्षा मंत्री से , केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर से और स्थानीय नेताओं से बार बार गुहार लगाई की उनके बच्चों का भविष्य स्कूल में अध्यापक नहीं होने पर अधर में लटक गया है। लेकिन किसी ने भी कोई सुनाई नही की है। आज इसीलिए उन्होंने बच्चों के साथ मिलकर स्कूल पर ताला लगाया है ताकि कोई नेता या मंत्री और कोई अधिकारी आकर बात करे और स्कूल में अध्यापकों की कमी को पूरा करे।