हरियाणा में पिछले सात माह में चार जगह आइईडी मिलने की घटनाएं एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं। एक ही तरह के विस्फोटक डिवाइस और उनका टाइम पैटर्न दिखाता है कि हरियाणा के रास्ते यह प्रदेश के अलग-अलग राज्यों में पहुंचाए जाने थे। दिल्ली इनमें सबसे अहम है, लेकिन वहां तक पहुंचने से पहले ही यह बरामद कर लिए गए। जोकि राहत की बात है।
चार अगस्त को कुरुक्षेत्र और सोमवार को कैथल में मिले आइईडी में सिर्फ कनेक्शन जोड़ने भर की कमी थी। बाकी इनमें आठ और नौ घंटे का टाइम सेट किया हुआ था,जो किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा करता है। अंबाला, शाहाबाद, करनाल और कैथल में आइईडी की घटनाओं में मिले विस्फोटक के तरीके से यह तो तय है कि यह एक ही संगठन का काम है।
पहली तीनों घटनाओं में अंबाला, शाहाबाद और करनाल तीनों जीटी रोड पर हैं, जो दिल्ली तक पहुंचता है। कैथल में जिस रूट पर आइईडी मिला है, वह एक ग्रामीण रूट है और दिल्ली तक ही जाता है। हरियाणा के रास्ते इधर से उधर विस्फोटक की सप्लाई का खेल चल रहा है। इस पूरे रैकेट के पाकिस्तान से भी जुड़े होने की आशंका है, क्योंकि करनाल में पकड़े गए चारों आतंकियों का संपर्क पाकिस्तान के एक व्यक्ति से मिला था।