खरीफ सीजन की फसलों की मंडी में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बिक्री सुनिश्चित करने के लिए जिला के किसान मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर फसल पंजीकरण आवश्यक कराए। साथ ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए नजदीकी सीएससी सेंटर पर जाकर ई-केवाईसी अवश्य कराए। उन्होंने मंगलवार देर सांय लघु सचिवालय स्थित कांफ्रेंस हॉल में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा बैठक की।
इससे पहले कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा ने मेरी फसल-मेरा ब्यौरा, ई-गिरदावरी, क्रॉप बुकिंग, ई-केवाईसी, फसल अवशेष प्रबंधन, सीआरएम स्कीम के तहत कृषि उपकरणों की खरीद आदि विषयों की वीडियो कांफ्र ेंस के माध्यम से समीक्षा की। उनके साथ विभाग के महानिदेशक डॉ. हरदीप सिंह भी उपस्थित रहे। एसीएस ने कहा कि प्रदेश में यूरिया की पर्याप्त उपलब्धता है। सभी जिलों में मांग के अनुरूप आपूर्ति की जाएगी।
जिला में फसल अवशेष प्रबंधन के लिए सीआरएम स्कीम के तहत दिए जाने वाले कृषि उपकरणों के इस्तेमाल के लिए किसानों को प्रेरित किया जाए। साथ ही फसलों के अवशेष न जलाने के लिए गांव-गांव विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाए। स्कूली बच्चों को भी जागरूकता कार्यक्रम से जोड़ा जाए ताकि जागरूकता रैलियों के माध्यम से फसल अवशेष न जलाने के लिए ग्रामीणों को जागरूक किया जाए।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारी हॉटस्पॉट (पराली जलाने की घटनाओं वाले गांव) में रात को भी निगरानी करेंगे। किसान यूनियन के पदाधिकारियों के साथ मिलकर किसानों को इस विषय में जागरूक किया जाए।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों को भी ई-केवाईसी कराने को प्रेरित करने पर विशेष फोकस किया जाए। जिन गांवों में कार्य अभी लक्ष्य से कम है वहां पर अगले दो दिनों के भीतर इस कार्य में शत प्रतिशत लक्ष्य को पूरा किया जाए। इस अवसर पर डीडीए डॉ. प्रदीप मील सहित कृषि अधिकारी उपस्थित रहे।