हरियाणा की राजनीति के आज जिस तरह के हालात हैं, उसके मद्देनजर पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के परिवार के राजनीतिक तौर पर एक होने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। आज जहां ओमप्रकाश चौटाला व अभय सिंह चौटाला के नेतृत्व वाले इनेलो को जजपा की जरूरत है, वहीं अजय सिंह चौटाला व दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जजपा का काम इनेलो के बिना चलता दिखाई नहीं दे रहा है।
चौटाला परिवार की इस राजनीतिक एकजुटता से भी आगे, बड़ी बात यह है कि भाजपा को जजपा व इनेलो की एकजुटता की अधिक जरूरत है। भाजपा चाहती है कि चौटाला परिवार राजनीतिक रूप से एक हो जाए, ताकि इनेलो व जजपा के मतों में बिखराव का फायदा कांग्रेस को न मिल पाए।
हर दल का अपना एक बंधा हुआ वोट बैंक होता है। जितने वोट कांग्रेस और इनेलो-जजपा में बंटेंगे, भाजपा को उतना ही अधिक फायदा मिलने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता।
चूंकि राजनीति में कुछ भी संभव है, इसलिए 2024 के चुनाव के दौरान इनेलो व जजपा की संभावित एकजुटता कहीं न कहीं समर्थन के रूप में भाजपा के काम आ सकती है, इसलिए भाजपा का एक बड़ा तबका चौटाला परिवार में राजनीतिक एकजुटता कराने के प्रयासों में जुटता दिखाई दे रहा है।