यमुनानगर में टेक्निकल यूरिया की आड़ में चल रहे किसानों के यूरिया के काले कारोबार का होगा पर्दाफाश।इस कालाबाजारी को रोकने के लिए न सिर्फ हरियाणा सरकार की टीमें काम कर रहीं हैं बल्कि सीधे केन्द्र की टीमें भी छापेमारी कर एक के बाद एक इसकी परते खोल रहीं हैं और इसकी तह तक जाकर कारवाई कर रहीं हैं जिससे की इस पूरे नेटवर्क का पता चल सके कि कौन कौन इसमें शामिल हैं।
पिछले डेढ़ महीने से अब तक दस एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं और रिकॉर्ड को खंगाला जा रहा हैं।अधिकारियों की माने तो अब यूरिया की काला बाज़ारी करने वालों की खैर नहीं है।बिना रुके ये कारवाई जारी रहेगी।वही उन्होंने बताया कि हालही ही में करेहड़ा में किसान सेवा केंद्र पर छापेमारी की थी आज उसकी सील खोल कर सारा रिकॉर्ड कब्जे में लिया गया है अगर शुक्रवार तक किसान सेवा केंद्र का संचालक दस्तावेज न दिखा पाया तो इसका लाइसेंस सस्पेंड कर दिया जाएगा।
करहेडा में ज्वाइंट डायरेक्टर एग्रीकल्चर डॉ मंजीत सिंह नैन ने किसान सेवा केंद्र (खाद गोदाम) का दौरा किया। कुछ दिन पहले जांच के दौरान इस गोदाम को सील कर दिया गया था। डॉक्टर नैन ने बताया कि गोदाम के संचालक ,डीडीए डॉक्टर जसविंदर सिंह सैनी, क्वालिटी कंट्रोल इंस्पेक्टर, पिंजौर के एसडीओ डॉ बीएस भान की देखरेख में गोदाम की सील को खोला गया है। जब जांच की तो यहां पर टेक्निकल ग्रेड के 1745 बैग मिले। जबकि पास मशीन में 1776 बैग अपलोड मिले। जो बैग मिले हैं वे अलग-अलग कंपनी के हैं।
जिससे संदेह जाहिर होता है। इसी के चलते संचालक को शुक्रवार तक का नोटिस दिया गया है। शुक्रवार तक वह अपने अपने दस्तावेज कृषि विभाग को दिखाएगा। यदि विभाग संतुष्ट होता है तो ठीक है वरना लाइसेंस को सस्पेंड कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि केंद्र व प्रदेश सरकार कृषि योग्य खाद के दुरुपयोग को रोकने के लिए सख्त है। नियमित रेड की जा रही है, आगे भी औचक निरीक्षण जारी रहेंगे। उन्होंने बताया कि सब्सिडी का दुरुपयोग राष्ट्र का एक बड़ा नुकसान है। जिसे किसी भी कीमत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
डॉक्टर ने कहा प्लाईवुड कारोबारी और खाद डीलर नियमानुसार करें काम।बातचीत में एक बड़ा सवाल सामने आया है कि स्थानीय कृषि विभाग टेक्निकल ग्रेड का लाइसेंस नहीं दे सकता, तो फिर कैसे यह लोग टेक्निकल खाद बेच रहे हैं। टीम का कहना है कि केंद्र सरकार का फर्टिलाइजर विभाग ही लाइसेंस जारी कर सकता है। ऐसे में इन पर क्या कार्रवाई हो सकती है इस पर भी विचार विमर्श चल रहा है। अधिकारियों ने बताया कि यहां पर प्लाईवुड का हब है, ऐसे में कृषि योग्य खाद के दुरुपयोग होने की संभावना बनी रहती है। इसे रोकने के लिए जहां रेड कर रहे हैं वहीं मुकदमे भी दर्ज करा रहे हैं।