हरियाणा कांग्रेस के नेता व पूर्व मंत्री कृष्णमूर्ति हुड्डा के बाद अब पूर्व गृह राज्य मंत्री सुभाष बत्रा का भी दर्द छलका आया है। कृष्णमूर्ति हुड्डा ने तो जहां भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर सीधे-सीधे धोखा देने के आरोप लगा दिए थे। वही सुभाष बत्रा ने सीधे तौर पर नाम ना ले कर कहीं ना कहीं भूपेंद्र सिंह हुड्डा की ओर इशारा करते हुए कह दिया कि हम किसी के कहने पर उठक बैठक नहीं करते, इस वजह से दोबारा एमएलए नहीं बन पाए। सुभाष बत्रा अपने रोहतक स्थित आवास पर प्रेस वार्ता में बोल रहे थे।
सुभाष बत्रा ने कहा की कृष्णमूर्ति और वे 1991 में विधायक बने थे जबकि भूपेंद्र सिंह हुड्डा 1991 में रोहतक से सांसद बने और फिर भूपेंद्र सिंह हुड्डा वाया दिल्ली प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए। लीडर कभी भी स्वाभिमानी व्यक्ति को अपनी टीम में नहीं रखता, वह केवल निक्कमे आदमियों को अपनी टीम में रखता है। जो उसके कहने पर उठक बैठक करते हैं। हमने किसी के कहने पर उठक बैठक नहीं की। इसलिए हम एमएलए नहीं बन पाए।
अगर हम भी उन्हें सूट कर जाते तो तीन चार बार विधायक बन चुके होते। यह सिर्फ किस्मत का खेल है, भूपेंद्र सिंह हुड्डा की किस्मत में मुख्यमंत्री बनना लिखा था जबकि हमारी किस्मत में यह नहीं था। साथ ही उन्होंने कहा के भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कृष्णमूर्ति हुड्डा को चुनाव लड़ वाले का आश्वासन उनके सामने दिया था।