जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आंतकवादियों के हमले में बलिदान हुए हांसी के निशांत मलिक का पार्थिव शरीर गांव ढंडेरी में पहुंचा। यह देखकर लोगों की आंखें भर आईं। गांव के श्मशान घाट में हजारों की संख्या में भीड़ है। इस दौरान लोगों ने बलिदान निशांत मलिक अमर रहे के नारे लगाए।
अंतिम यात्रा पर फूल बरसाए और भारत माता की जय के नारे लगाए। बलिदानी के अंतिम यात्रा में महिलाओं ने भी फुल बरसा कर निशांत मलिक को श्रद्धाजंलि दी। हांसी से कुछ किलोमीटर दूर गांव तक पहुंचने के लिए शहीद की अंतिम यात्रा को करीब 3 घंटे लग गया।
पिता जयबीर सिंह ने बताया कि निशांत 11 राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे। उनकी ड्यूटी राजौरी के नौसेरा सेक्टर में थी। आर्मी को जानकारी मिली कि आतंकवादी पास के गांव में हैं। आर्मी के जवान मौके पर पहुंचे तो आतंकवादियों ने हमला कर दिया। फायरिंग में दो आतंकी मारे गए।
जबकि आतंकवादी हमले में सेना के चार जवान शहीद हो गए, जिनमें निशांत मलिक भी थे। जयबीर सिंह मूलरूप से हिसार जिले के गांव ढंढेरी के रहने वाले हैं।
वह वर्ष 1998 में वह शहर में आकर बसे थे। अब वह आदर्श नगर में अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। निशांत मलिक की तीन बहनें हैं, जिनमें से किरण व ज्योति विवाहित हैं, जबकि नीरज अविवाहित है।