September 20, 2024

अम्बाला शहर विधानसभा  हलके से लगातार  दूसरी बार  भाजपा से विधायक बने असीम गोयल नन्यौला पर गत माह जून, 2022 तक हरियाणा विधानसभा सचिवालय से मोटर कार और गृह निर्माण हेतु लिए गए दो प्रकार के एडवांस (ऋण) के एवज़ में कुल 64 लाख 40 हजार रुपये की मूल राशि  का भुगतान बकाया है.

असीम ने  आज से 5 वर्ष पहले  5  मई, 2017 को अर्थात उनके  विधायक के प्रथम कार्यकाल दौरान   मोटर कार एडवांस के रूप में 20  लाख रुपये का एडवांस लिया था जिसमे से वो गत माह तक 12 लाख  रूपये कर चुके है जबकि 8 लाख रुपये  की मूल राशि  का भुगतान बकाया है.

इसी प्रकार आज से 6 महीने पूर्व  29 दिसम्बर, 2021 को असीम ने गृह निर्माण के लिए  60 लाख रूपये का एडवांस लिया था जिसमें से वो गत माह तक 36 हजार रुपये की मूल राशि अदा कर चुके हैं एवं इस प्रकार उन पर  56 लाख 40 हजार रुपये की मूल राशि बकाया है.

शहर निवासी  पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमन्त कुमार ने गत मई माह  में  हरियाणा विधानसभा  सचिवालय में एक आर.टी.आई. याचिका दायर कर  विधानसभा के सभी मौजूदा सदस्यों एवं पूर्व सदस्यों द्वारा गृह निर्माण एडवांस, गृह मुरम्मत एडवांस एवं मोटर कार एडवांस के रूप में ली गई  धनराशि और उसकी अदायगी के संबंध में  पूरा ब्यौरा माँगा था.

विधानसभा के सीनियर लॉ अफसर कम राज्य जन सूचना अधिकारी द्वारा  प्रदान की गयी सूचना अनुसार  अम्बाला कैंट से छठी बार  विधायक  बने एवं  वर्तमान में प्रदेश के गृह  एवं स्वास्थ्य सहित  कुल 6 विभागों के  मंत्री अनिल विज ने उनके विधायक के तौर पर चौथे कार्यकाल   दौरान
अर्थात 14  मई, 2013 को  36 लाख  50000 रुपये का  गृह निर्माण हेतु  एडवांस   लिया था एवं वह उसकी संपूर्ण मूल राशि का भुगतान तो कर चुके हैं हालांकि  उन पर 8  लाख 18  हज़ार  300  रुपये ब्याज राशि का भुगतान बकाया हैं.

इसी प्रकार नारायणगढ़ विधानसभा हलके से मौजूदा कांग्रेसी विधायक शैली चौधरी द्वारा 27 फरवरी, 2020 को  20 लाख रुपये का मोटर कार एडवांस लिया गया था   जिसमें से वह गत माह तक 5 लाख 60 हजार रुपये की अदायगी कर चुकी है एवं उन पर 14 लाख 40 हजार रुपये की मूल राशि बकाया है.

वहीं मुलाना विधानसभा हलके से वर्तमान कांग्रेसी विधायक वरुण चौधरी ने इसी वर्ष 30 मार्च 2022 को  20 लाख रुपये का मोटर कार एडवांस लिया है  जिसमें से वह गत माह तक 60 हजार रुपये अदा कर चुके हैं एवं उन पर 19 लाख 40 हजार रुपये की मूल राशि बकाया है.

नारायणगढ़ हलके से  भाजपा के पूर्व विधायक नायब सैनी ( जो वर्तमान में कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से सांसद हैं)
एवं जो  हरियाणा की पिछली भाजपा  सरकार में राज्य मंत्री भी रहे  थे  ने  गृह निर्माण के लिए 14 सितम्बर, 2018 को 60 लाख रुपये का एडवांस  लिया था जिसमे में अब तक  उनके द्वारा  14 लाख 80 हजार रुपये की  अदायगी की गई है. इस प्रकार उन पर करीब 45 लाख  20 हजार रूपये की मूल राशि का भुगतान बकाया है.

सैनी से पूर्व नारायणगढ़ से  कांग्रेसी विधायक रहे राम किशन गुर्जर, जो मौजूदा विधायक शैली चौधरी के पति हैं, द्वारा 30 अगस्त, 2013 को लिए  गए गृह निर्माण एडवांस के रूप में लिए 40  लाख रुपये की मूल राशि तो अदा कर दी गई है हालांकि उन पर 6 लाख 80 हजार 208 रुपये की ब्याज अदायगी बकाया है.

इसी प्रकार  मुलाना हलके से पूर्व भाजपा विधायक संतोष चौहान सारवान ने 6 नवम्बर, 2018 को गृह निर्माण के लिए विधानसभा से 60 लाख रुपये का एडवांस लिया था जिसमे में आज तक  वह 7  लाख 20000  रुपये अदा कर चुकी हैं जबकि 52  लाख 80000 रुपये की मूल राशि उन पर बकाया हैं.

संतोष सारवान से पहले मुलाना हलके से तब इनेलो से विधायक रहे राजबीर बराड़ा ( वर्तमान में भाजपा में) ने 6 मई, 2010 को मोटर कार एडवांस के रूप में लिए 10 लाख रुपये लिए थे जिसकी मूल राशि तो उन्होंने अदा कर दी है हालांकि उन पर 85 हजार 333 रुपये की  ब्याज अदायगी बकाया है.

हेमंत ने बताया कि हरियाणा के विधायकों को  एडवांस (ऋण) बहुत ही कम ब्याज दर अर्थात 4 प्रतिशत पर दिया जाता  हैं. उन्होंने  बताया मौजूदा प्रावधानों अनुसार  विधायक को 60 लाख रुपये के रूप में गृह निर्माण ऋण,  10 लाख रुपये के रूप में गृह मुरम्मत ऋण एवं 20 लाख रुपये के रूप में नया  मोटर कार  खरीदने के लिए ऋण मिल सकता है हालाकि यह राशि अधिकतम राशि है एवं अगर  खर्चा राशि इससे कम है, तो पूरी राशि की बजाये वास्तविक राशि  ही प्रदान की जाती है. इसकी वसूली मौजूदा विधायकों के वेतन-भत्तों  में से और पूर्व विधायकों से  उनकी मासिक  पेंशन से की जाती है.  पहले मूल राशि वसूली जाती है फिर बाद फिर ब्याज राशि. विधायक को दी गई  कुल  एडवांस राशि को  कम से कम 1 प्रतिशत की  मासिक किस्त द्वारा  एवं ऐसी अधिकतम सौ किस्तों में  विधानसभा सचिवालय द्वारा वसूलने का नियमों में प्रावधान है हालांकि अक्सर देखा जाता है कि इसकी सख्ती से अनुपालना नहीं हो पाती है.

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