एनजीटी मॉनिटरिंग कमेटी के चेयरमैन जस्टिस प्रीतम पाल सिंह ने शुक्रवार पंचायत भवन अम्बाला शहर के सभागार में पर्यावरण विषय को लेकर आमजन को जागरूक करते हुए इस कार्य के लिए सभी की सहभागिता होनी बेहद जरूरी है। पर्यावरण विषय को लेकर जिला स्तर पर जो रूपरेखा बनाई गई है उस पर सभी सम्बन्धित अधिकारी इच्छा शक्ति के साथ काम करें ताकि पर्यावरण को स्वच्छ एवं सुंदर बनाया जा सके। जस्टिस प्रीतम पाल सिंह आज जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ एक बैठक ले रहे थे। बैठक के दौरान उन्होंने इस विषय दृष्टिगत किये जा रहे कार्यों की जानकारी लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
इस दौरान उनके साथ तकनीकी विशेषज्ञ डा0 बाबू राम, अतिरिक्त उपायुक्त सचिन गुप्ता, एसडीएम हितेष कुमार, सीईओ जिला परिषद जगदीप ढांडा, नगर निगम के डीएमसी विनोद नेहरा, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय प्रबन्धक नितिन मेहता विशेष तौर पर मौजूद रहे। वीसी के माध्यम से एनजीटी की सदस्य उर्वशी गुलाटी भी जुड़ी।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए जस्टिस प्रीतम पाल सिंह ने अधिकारियों को कहा कि पर्यावरण को साफ-सुथरा बनाये रखने के लिये सभी को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए धरातल पर काम करने की जरूरत है। एनजीटी के नियमों की पालना करते हुए सभी कार्यों को बेहतर समन्वय के साथ करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को साफ-सुथरा बनाए रखने में लोगों की सहभगिता बेहद जरूरी है। इसलिये लोगों को सफाई व्यवस्था बनाये रखने के लिये जागरूक करें। सिविल सोसायटी के साथ-साथ एनजीओज को साथ जोड़ें और उन्हें पर्यावरण को साफ-सुथरा बनाये रखने में सहयोग देने के लिये कहें। उन्होंने कहा कि सफाई व्यवस्था को बनाए रखने में पब्लिक की सहभागिता बहुत जरूरी है। अतिरिक्त उपायुक्त सचिन गुप्ता ने बैठक के दौरान जस्टिस प्रीतम पााल सिंह को अवगत करवाते हुए बताया कि एनजीटी के नियमों के मुताबिक सफाई व्यवस्था के तहत जैसे कुड़े के निस्तारण के साथ-साथ डोर टू डोर कूडा कलैक्शन व अन्य कार्यों को बेहतर तरीके से किया जा रहा है।
जस्टिस प्रीतम पाल सिंह ने सम्बन्धित अधिकारियों को कहा कि बैठक को किए जाने का मुख्य उद्देश्य यही है कि जिला इन्वायरमैंट प्लान को लेकर जो कार्य किए जा रहे हैं उसकी वास्तविक जानकारी हासिल हो सके और यदि इन कार्यों को करने में किसी प्रकार की कोई समस्या आ रही है तो उसकी भी जानकारी हासिल हो सके। उन्होंने कहा कि स्वच्छता का काम बड़ा ही पवित्रता का काम है, इसके लिए हमें स्वयं तथा दूसरों को भी स्वच्छता के लिए प्रेरित करना होगा।
उन्होनें इस मौके पर जिला पर्यावरण विषय को लेकर एंजैडे में रखे बिंदुओं बारे विस्तार से जानकारी हासिल करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। उन्होंने यह भी कहा कि जहां पर कूडे को डिस्पोसल किया जाता है वहां पर सभी व्यवस्थाएं दुरूस्त होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार सोलेड वेस्ट मैनेजमैंट के तहत ई-वेस्ट, इलैक्ट्रोनिक वेस्ट, प्लास्टिक वेस्ट, बायोमैडिकल वेस्ट, सीएनडी वेस्ट के साथ-साथ अन्य चीजें शामिल है जिसका हमें सही प्रकार से निस्तारण करना है। उन्होंने ई-वेस्ट कोलैक्शन सैंटर के बारे में जागरूकता बारे भी कहा और कहा कि शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करके तथा आई.ई.सी. एक्टीविटी करके इस कार्य को करना सुनिश्चित करें।
उन्होने बैठक ेंमें यह भी कहा कि शहरों में तो सफाई का कार्य ठीक प्रकार से किया जाता है, उसी प्रकार नेशनल हाईवे के नजदीक भी सफाई व्यवस्था दुरूस्त हो। सडकों के किनारे सफाई व्यवस्था दुरूस्त होनी चाहिए ताकि लोग जब यहां से गुजरें तो उन्हें एहसास हो कि हरियाणा में स्वच्छता को लेकर लोग जागरूक हैं। उन्होंने सीईओ जिला परिषद को भी कहा कि वे गांवों में बीडीपीओ के माध्यम से मुनियादी करवाना सुनिश्चित करवाएं कि गांवों में सडकों के नजदीक कोई भी गंदगी न फैलाएं। ढाबों के नजदीक भी गंदगी न हो, इस कार्य को भी करवाएं और यदि कोई नियमों की अवहेलना करता है तो उस पर कार्यवाही भी अमल में लाएं। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अधिक से अधिक पौधारोपण करवाकर पर्यावरण को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने में अपना अहम योगदान दें। ए।