बहादुरगढ़ में आपसी रंजिश के चलते 6 लोगों को मौत के घाट उतारने वाले खूंखार अपराधी अजयवीर उर्फ टिनी को पुलिस ने गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। अजयवीर के कब्जे से 2 देसी पिस्तौल और 22 जिंदा राउंड भी बरामद किए गए हैं। आरोपी को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे 15 तारीख तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। पुलिस रिमांड के दौरान उससे उसके अन्य साथियों के बारे में भी पता लगाने की कोशिश करेगी। आरोपी को 2011 में कोर्ट ने फांसी की सजा भी सुनाई थी। लेकिन हाईकोर्ट ने उसे उम्र कैद में तब्दील कर दिया था। पैरोल पर बाहर आने के बाद भी आरोपी अजयवीर ने एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी और उसके बाद से फरार चल रहा था।
40 वर्षीय अजयवीर बहादुरगढ़ के जसौर खेड़ी गांव का रहने वाला है। अजयवीर और करतार के परिवार में करीब 25 साल से दुश्मनी चली आ रही है। दरअसल 1998 में करतार के परिवार का अजयवीर के रिश्ते में दादा लगने वाले छोटेलाल से किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया था और इसी झगड़े में छोटेलाल की हत्या कर दी गई थी। अजयवीर ने अपने दादा की हत्या का बदला लेने के लिए करतार के बेटे सहदेव की हत्या कर दी थी। आगे चलकर यह रंजिश और बढ़ी। करतार के परिवार के सदस्यों ने 2003 में अजयवीर के भाई विनोद की हत्या को अंजाम दे दिया। कुछ साल तक मामला शांत रहा। लेकिन 2009 में अजयवीर ने अपने साथियों के साथ मिलकर एक दिन करतार के बेटे हरि ओम और बेटी कृष्णा के साथ साथ कृष्णा के दो बेटों शमशेर और नरेश हत्या कर दी।
एक साथ चार लोगों को मौत के घाट उतारने के बाद आरोपी अजयवीर को पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। 2011 में अजयवीर को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। लेकिन बाद में हाईकोर्ट ने फांसी की सजा को उम्र कैद में तब्दील कर दिया था। करीब एक दशक तक जेल में रहने के बाद अजयवीर को 13 अप्रेल 2022 के दिन 21 दिन की पैरोल मिली थी। 5 मई को अजयवीर को वापस जेल जाना था। लेकिन इससे पहले ही 30 अप्रैल 2022 को अजयवीर ने करतार के परिवार के सदस्य ओमवीर की हत्या की वारदात को अंजाम दे दिया। और मौके से फरार हो गया था। तभी से पुलिस अजयवीर की तलाश कर रही थी।