पूर्व सैनिकों ने भी सरकार की अग्रिवीर योजना पर सवाल खड़े किए है। उन्होंने इस योजना को युवाओं के साथ-साथ देश व देश प्रेमियों के साथ विश्वासघात बताया है। इसी का विरोध जताने के लिए पूर्व सैनिकों की साबका सैनिक संघर्ष कमेटी ने गुरूवार को महामहिम राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई कि केन्द्र की अग्रिवीर योजना में देश के
युवाओं को झोकने से पूर्व सरकार के सभी मंत्रियों व अधिकारियों के बच्चों को शामिल किया जाए। साथ हीं उनके बच्चों को आयु सीमा में भी छूट दी जाए और इस छूट के तहत मंत्रियों व अधिकारियों के बच्चे 17 साल से 42 साल तक
के इस योजना में शामिल हो।
ज्ञापन में यह भी कहा गया कि उनकी कमेटी ने फैसला लिया है कि जब मंत्रियों व अधिकारियों के बच्चें अग्रिवीर योजना के तहत शहीद होंगे तो सरकार तो उन्हें एक करोड़ देगी ही,साथ ही वह भी अपनी मिति की तरफ से भी उन्हें एक करोड़ देकर सम्मानित करेगे ताकि नेता व अधिकारियों को भी अपने बच्चे की शहादत पर गर्व हो। कैप्टन राजेन्द्र सुहाग ने कहा सेना में जो अग्निपथ से जवानों की भर्ती सिर्फ 4साल के लिए करने जा रहे है,यह देश था देश प्रेमियों के साथ विस्वासघात है। बलबीर गुलिया ने कहा कि सरकार पेंशन बजट बचाने के चक्र में देश की सुरक्षा को
दांव पर लगा रही है।
अगर सरकार में दम है तो सेना में चल रहा भ्रस्टाचार को खत्म करो। हवलदार धर्मपाल अहलावत ने कहा केंद्र सरकार ने यह बात स्पष्ट नही की कि किस नोकरी में तरजीह देगें। सिर्फ सिक्योरिटी गार्ड के लिए पहले नेपाल को चौकीदारों का देश बोला जाता था लेकिन लगता है कि केंद्र सरकार भारत की पहचान इसी नाम से बनाने के लिए यह योजना शुरू कर
रही है। कैप्टन जगबीर नेहरा ने केंद्र सरकार से पूछा कि पेंशन आए पूर्व सैनिकों के लिए भी रिजर्वेशन है लेकिन सिर्फ 5त्नको ही नोकरी मिलती है तो लाखों की गिनती में 4 साल बाद निकाले जाने वाले अग्निवीरो को नोकरी देने के लिए क्या केंद्र सरकार दूसरे देशों से अनुबंध करेगी।