सरकार ने किसानों का आह्वïन किया है कि वे अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए मल्टीलेयर खेती की पद्घति को अपनाये। मल्टीलेयर खेती पद्घति में किसान एक खेत में एक समय में 5 अलग-अलग तरह की फल-सब्जियों का उत्पादन ले सकता है। इस पद्घति में खेती की लागत व पानी की खपत कम होती है तथा मुनाफा कई गुणा तक बढ़ जाता है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी चाहते है कि किसान इस पद्घति को अपनाकर समृद्घ बनें।
खेती को मुनाफे का व्यवसाय बनाने के लिए किसानों को मल्टीलेयर खेती पद्घति को अपनाना होगा। इस पद्घति से किसान कम समय में ज्यादा पैदावार से अधिक धन कमा सकता है। इस खेती पद्घति के तहत एक खेत को 5 भागों में विभाजित करके इस पर पांच लेयर की खेती की जा सकती है। खेत के चारों तरफ चकोर मेड पर फलदार पेड़ लगाकर उनसे 10 फुट की दूरी पर उनसे छोटे पौधे लगाए जा सकते हैं। इसके अलावा बीच-बीच में भी धनिया व पालक उगाकर उस स्थान का उपयोग किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा जमीन के नीचे अदरक, हल्दी व अन्य फसल का उत्पादन लिया जा सकता है, जो तीन से चार महीने बाद जमीन से ऊपर आती हैं, जब तक धनिया व पालक की फसल तैयार होकर बिक्री के लिए चली जाती है। इस पद्घति से केवल तीन प्रतिशत पानी की खपत होती है, बाकी 97 प्रतिशत पानी बच जाता है। इसके अलावा बारिश के दिनों में खेत का पानी खेत में ही रखने के लिए यह तकनीक रामबाण है।