November 22, 2024
haryana school reopen

अब तक बच्चों की संख्या रजिस्टर में दर्ज होती थी। रजिस्टर में दर्ज नाम का वेरिफिकेशन विभाग की ओर से नहीं किया जाता था। इस कारण से इसमें घालमेल की संभावना अधिक रहती थी। कई केंद्रों पर बच्चों के नाम ज्यादा रहते थे तो कहीं कम। स्थल वेरिफिकेशन के बाद अधिकारियों की ओर से की गई मानीटरिंग के बाद इस बात को शासन के समक्ष रखा गया।आंगनबाड़ी केंद्रों में वर्कर मैनुअल काम कर रही हैं।

इसके लिए 11 रजिस्टर मेंटेन करने होते हैं। इसके लिए रजिस्टर में काम करने में अधिक समय लगता है। इस रजिस्टर में बच्चों का वजन, पोषाहार, गर्भवती महिलाओं का रिकॉर्ड रखा जाता है। अब यह कार्य एप पर ही किया जाएगा। इससे समय की भी बचत होगी। इसी के साथ बच्चों के वजन, पोषाहर, स्वास्थ्य की जानकारी भी एप पर ही देनी होगी। आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को पोषाहार उपलब्ध कराया जाता है। वहीं गर्भवती महिलाओं व  कुपोषण महिलाओं को भी पौष्टिक आहार के लिए अनाज दिया जाता है।

 पोषण ट्रैकर एप को लांच करने का मुख्य उद्देश्य आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की गतिविधियों पर निगरानी रखना है। उससे संबंधित सभी सेवा नागरिकों तक आसानी से प्रदान करना है। पोषण ट्रैकर एप के माध्यम से कुपोषण जैसी गंभीर बीमारियों की भी मैपिंग की जाएगी। इस एप से कागजी कार्यों को खत्म करने में सहायता मिलेगी।  मोबाइल पर इसे अपलोड कर कार्य करें। ऐसा न करने वालों का मानदेय रोका जाएगा।

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