पंडित बीडी शर्मा पीजीआइएमएस के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ़ डेंटल साइंसेस के सीनियर प्रोफेसर डॉ वीरेंद्र सिंह ने बताया कि उनके 25 साल के डॉक्टरी जीवन में उन्होंने ऐसा पहला केस देखा है और हरियाणा का भी यह पहला केस है मेडिकल लिटरेचर में अब तक इस तरह के केवल डेढ़ करीब केस पाए गए हैं । निश्चित तौर पर बच्चे का ऑपरेशन उनके लिए एक प्रकार का चैलेंज था जिसका उन्होंने 2 दिन पहले सफल ऑपरेशन किया है ।
डॉक्टर वीरेंद्र सिंह ने बताया कि 3 महीने पहले बच्चे के परिजन बच्चे को उनके पास लाए थे बच्चे की हालत देखने पर पता चला की बच्चे के मुंह में सामने की तरफ थोड़ा सा सुराग था जबकि दोनों जबड़े आपस में चिपके हुए थे ।उस समय बच्चे का वजन हल्का होने के कारण 3 महीने बाद ऑपरेशन निर्धारित किया गया ।चैलेंज स्वीकार करते हुए जिसका 2 दिन पहले ही डॉक्टरों की पूरी टीम ने सफल ऑपरेशन किया है । अब बच्चे की ग्रोथ भी होगी और पूरी तरह से दोनों जबड़े खोल कर आराम से फीड भी ले सकेगा । उन्होंने कहा कि उनके 25 साल के डॉक्टरी जीवन का तो पहला केस है ही साथ में हरियाणा में भी अब तक का यह पहला केस था ।
पंडित बीडी शर्मा पीजीआईएमएस रोहतक के एनेस्थीसिया एंड क्रिटिकल विभाग में कार्यरत प्रोफेसर प्रशांत कुमार ने बताया की मासूम के केस में ऑपरेशन से पहले एनेस्थीसिया देना भी एक चैनल था क्योंकि एनेस्थीसिया देते समय मरीज की सांस की नली को कंट्रोल करना होता है यह या तो मुंह के द्वारा होता है या फिर नाक के द्वारा , लेकिन बच्चे के दोनों जबड़े चुपके होने के कारण दोनों ही रास्तों से एनेस्थीसिया संभव नहीं हो पा रहा था लेकिन डॉक्टरों की पूरी टीम में बच्चे की पूरी जांच के बाद एनेस्थीसिया देने का काम किया जिसे सफल ऑपरेशन संभव हो पाया है।
ऑपरेशन के बाद मासूम की मां काफी खुश नजर आ रही थी जो बच्चे को दूध भी पिला रही थी और हमसे बात भी कर रही थी उसने बताया कि बच्चे के जन्म के बाद जब पाया कि बच्ची के दोनों जबड़े चिपके हुए हैं तो पूरा परिवार काफी घबरा गया था जिसके बाद बच्चे को पंडित बीडी शर्मा पीजीआइएमएस लाया गया जहां पर डॉक्टरों ने जांच के बाद ऑपरेशन के लिए 3 महीने का समय दिया क्योंकि उस समय बच्चे का वजन काफी हल्का था जो ऑपरेशन के लायक नहीं था ।अब दो दिन पहले ही बच्चे का सफल ऑपरेशन किया गया है जिसके बाद पूरा परिवार राहत की सांस ले रहा है। उन्होंने कहा कि डॉ उनके लिए भगवान का रूप है क्योंकि उन्होंने उनके बच्चे को नई जिंदगी दी है ।