पैरोल पर घर आए दुष्कर्म के आरोपी युवक ने खेतों में फांसी लगाकर जान दे दी। मृतक को पैरोल अवधि समाप्त होने के बाद बुधवार को वापिस भिवानी जेल लौटना था। लेकिन वह जेल में जाने की बजाए खेतों में पहुंच गया और अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। बौंद कलां थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए दादरी के सिविल अस्पताल में भेजते हुए जांच शुरू कर दी है।
बता दें कि गांव कोहलावास निवासी दीपक पर बौंद कलां पुलिस ने वर्ष 2015 में नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। इस मामले में न्यायालय द्वारा दीपक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी और वह फिलहाल भिवानी जेल में बंद था। दीपक गत 15 मार्च को पैरोल पर घर आया था और उसे बुधवार को पैरोल अवधि समाप्त होने के बाद वापिस भिवानी जेल लौटना था। बुधवार को दीपक घर अपने परिजनों के साथ भिवानी जेल तक पहुंचा और जेल के गेट से वापिस लौट आया। जेल में वापिस नहीं लौटने पर जेल प्रबंधन द्वारा परिजनों को फोन पर सूूचना दी गई।
परिजनों व पुलिस द्वारा दीपक की तलाश की जा रही थी, इसी दौरान गांव के खेतों में ट्यूबवैल से उसका शव लटका मिला। सूचना मिलने पर बौंद कलां पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेते हुए पोस्टमार्टम के लिए दादरी के सिविल अस्पताल में पहुंचाया। मृतक के चाचा वजीर सिंह ने बताया कि जेल के गेट तक छोडक़र आए थे लेकिन वह गेट से वापिस लौट गया। कैसे फांसी लगाई, इस बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं है।
बौंद कलां थाना पुलिस के जांच अधिकारी पवन कुमार ने बताया कि पैरोल से आए दीपक को बुधवार जेल में लौटना था लेकिन नहीं पहुंचा। दीपक का शव खेतों में ट्यूबवैल पर लटका मिला है। फिलहाल यह आत्महत्या का केस लग रहा है। पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है।