November 21, 2024

उपायुक्त पार्थ गुप्ता की बच्चो को पठन से जोडऩे की पहल अब आगे बढऩे लगी है। राजकीय स्कूलो के बच्चे अब स्कूली काम से अलग ज्ञान वर्धक किताबों को पढ़कर परम्परागत शिक्षा से ऊपर उठकर अपने कौशल को बढ़ाने का प्रयास कर रहे है। बता दे उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने सीएमजीजीए विपुल फ्लोर से बातचीत की, कि राजकीय स्कूलों के बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में कैसे और उन्नत किया जा सकता है। इसके परिणाम स्वरूप उपायुक्त ने जिला के राजकीय स्कूलों में पठन कौशल कार्यक्रम की शुरुआत करने का निर्णय लिया था।

उपायुक्त को यह निर्णय लिए एक महीना ही हुआ, बच्चों में सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहे है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत कक्षा 3 से आठवीं तक के सभी बच्चों को लाइब्रेरी में प्रतिदिन आधा या एक घंटा किताब पढऩे के लिए दी जाती है जिसे बच्चे अध्यापक के मार्गदर्शन में पढ़ते हैं कुछ बच्चे कविता, कुछ बच्चे कहानियां या अन्य किताबों में रुचि दिखा रहे हैं और बच्चे किताबें पढऩे के बाद अपनी कहानियों को सुबह प्रार्थना सभा में सुनाते हैं । इसके साथ-साथ सुबह की प्रार्थना सभा में हिंदी व इंग्लिश के 2-2 शब्द-अर्थ, आज का विचार, सामान्य ज्ञान के 2 प्रश्न, आज के समाचार प्रतिदिन शिक्षा विभाग के जिला कार्यालय से सभी क्लस्टर ग्रुप्स में भेजे जाते हैं जिन्हें अध्यापक ब्लैक बोर्ड पर लिखवा कर बच्चों से याद करवाते है। इस कार्यक्रम का बच्चों में काफी सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है। अब बच्चों मे सामान्य ज्ञान, हिंदी व अंग्रेजी के शब्द-अर्थ याद करने की क्षमता इंप्रूव हो रही है।

डीसी पार्थ गुप्ता द्वारा चलाया गया यह कार्यक्रम प्रशंसनीय है, इस कार्यक्रम को कुछ समय तक सीमित न रखकर पूरे सत्र के लिए रखा जाएगा इतना ही नही डीसी ने टाइम टेबल में भी इसका एक पीरियड रखे जाने कि सिफारिश की है ताकि स्कूलों के बच्चों मे पाठन करने की क्षमता बढ़ती रहे। उन्होंने कहा कि अभी यह शुरुआत है आने वाले समय मे इसका बहुत ही सकारात्मक प्रभाव बच्चों में देखने को मिलेगा। इस कार्यक्रम से बच्चों में स्वयं लिखने व पढऩे की प्रतिभा भी उजागर हो रही है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *