चौ चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र दामला द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत किसान भागीदारी प्राथमिकता हमारी अभियान के तहत किसान मेले का आयोजन किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसानों के साथ वर्चुअल जुड़े रहे और उन्होंने किसानों को इस योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस कार्यक्रम में कृषि उपनिदेशक यमुनानगर डॉ. जसविंदर सिंह सैनी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कृषि से संबंधित मुख्य बातों के बारे में बताया और कृषि विभाग में चल रही सभी योजनाओं से भी अवगत करवाया।
डॉ जसविंदर सिंह सैनी ने किसानों को बताया कि वह एक ही प्रकार के फसल व एक प्रकार की किस्म का प्रयोग बार-बार ना करें। उससे हमारी भूमि की उपजाऊ शक्ति कम होती है साथ ही साथ फसलों पर अनेक प्रकार की बीमारी तथा कीटों का प्रकोप भी बढ़ जाता है जिस वजह से हमारी कृषि की समस्याएं बढ़ती जा रही है और उन्होंने इसके अलावा विभाग द्वारा कार्य नीति योजनाओं जैसे कि धान की सीधी बिजाई, किसान सम्मान निधि योजना के बारे में किसानों को अवगत कराया ।
कृषि विज्ञान केंद्र के संयोजक डॉ. संदीप रावल ने इस महा अभियान के बारे में किसानों को अवगत कराया और सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में किसानों को बताया इसके अलावा पानी की बचत के लिए उन्होंने धान की सीधी बिजाई को अपनाने के लिए भी किसानों को प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि कृषि में प्रयोग होने वाले साधनों में सबसे महत्वपूर्ण स्थान जल का है और उन्होंने जल का महत्व किसानों को बताया तथा उन्होंने किसानों से अनुरोध किया कि वह जल की कमी को देखते हुए धान की सीधी बिजाई का ही इस्तेमाल करें। उन्होंने बताया कि वह पहले किसान अपनी मिट्टी की जांच अवश्य करा ले ताकि मिट्टी में जो पोषक तत्वों की कमी है उसे पूरा किया जा सके ।
डॉ. वीरसेन अर्थशास्त्र विशेषज्ञ ने किसानों खेती में होने वाले आर्थिक फायदे के बारे में बताते हुए किसी पर होने वाले व्यर्थ खर्च से बचने के गुर भी बताएं । कृषि मौसम विशेषज्ञ डॉ अजीत सिंह ने किसानों को मौसम की महत्वपूर्ण जानकारियां दी और उन्होंने बताया कि कृषि में मौसम का क्या महत्व है और केवीके के द्वारा किसानों को मौसम की जानकारियां किन-किन माध्यमों द्वारा दी जाती है यह सब किसानों विस्तार से जानकारी दी तथा उन्होंने किसानों को बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा ई मौसम ऐप तैयार किया गया है जिससे मौसम के साथ-साथ हमारी अन्य फसलों के बारे में भी सारी जानकारियां प्राप्त होती है।