अब प्रदेश में जाति प्रमाण पत्र को परिवार पहचान पत्र से जोड़ा जाएगा, जिसके लिए सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी कर दी गई हैं। उन्होंने सरकार की ओर से जारी की गई गाइडलाइन को जनसेवा के प्रति उठाया गया अहम कदम बताया।
अब तहसीलदार के स्थान पर एडीसी एवं नागरिक संसाधन सूचना अधिकारी की ओर से यह प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि आम लोगों को अब अनुसूचित जाति, वंचित अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, अन्य पिछड़ा वर्ग, टपरीवास, विमुक्त जाति और घुमंतू जनजाति से संबंधित प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए नंबरदार, पटवारी और न ही तहसील में चक्कर काटने पड़ेंगे। डीसी ने बताया कि अब आवेदक सिर्फ अपने परिवार पहचान पत्र नंबर के माध्यम से सरल पोर्टल पर आवेदन करेगा और उसे ऑनलाइन ही जाति प्रमाण पत्र मिल जाएगा।
प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि पिछड़ा वर्ग के जाति प्रमाण पत्र बनाते समय आय भी देखी जाएगी। आय वही मान्य होगी जो परिवार पहचान पत्र में दर्ज होगी। आय इसलिए देखी जाएगी कि यदि कोई क्रीमी लेयर में आता है तो उसका प्रमाण पत्र प्रत्येक वर्ष 31 मार्च तक मान्य होगा। उन्होंने बताया कि जो क्रीमी लेयर में नहीं आते उनका प्रमाण पत्र जीवनभर मान्य होगा।
जाति सत्यापित करने के लिए सक्षम अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। उन्होंने बताया कि राज्य के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले निवासी की जाति का सत्यापन नागरिक संसाधन सूचना विभाग की ओर से नोटिफाईड सक्षम अधिकारी द्वारा किया जाएगा जबकि हरियाणा राज्य के विभाग पीएसयू, विश्वविद्यालय आदि में कार्यरत रेगुलर पुरूष व महिला कर्मचारी की जाति का सत्यापन एचआरएमएस में उपलब्ध रिकार्ड के आधार पर होगा।
उन्होंने बताया कि जाति के संबंध में किसी भी प्रकार के संशय के लिए हरियाणा अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग को मैटर भेजा जाएगा तथा इस संबंध में विभाग द्वारा जारी की गई क्लेरिफिकेशन मान्य होंगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि हरियाणा सरकार की ओर से जारी की गई हिदायत अनुसार हरियाणा राज्य का कोई भी सरकारी विभाग हरियाणा से संबंधित किसी भी व्यक्ति को जाति प्रमाण पत्र जमा करवाने के लिए बाध्य नहीं करेगा यदि वह परिवार पहचान पत्र उपलब्ध कराता है और उसकी जाति और जाति की श्रेणी पारिवारिक सूचना डेटा रिपोजिटरी (एफआईडीआर) में सत्यापित की हुई है।