November 10, 2025
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केंद्रीय आवासन, ऊर्जा एवं शहरी मामले के मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि गुरु तेग बहादुर की शहादत से प्रेरणा मिलती है कि हमें समाज, धर्म और देश के लिए काम करना चाहिए।

 केंद्रीय मंत्री आज यहां एनडीआरआई चौक पर श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित हिंद की चादर मैराथन को हरी झंडी दिखाने से पहले लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गुरु साहब के 350 साला शहीदी दिवस पर करनाल के साथ-साथ देश भर में यात्राओं का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि  आज हजारों नौजवान 9वें गुरु श्री तेग बहादुर की शहादत को नमन करने के लिए एकत्र हुए हैं। यहां आयोजित यात्रा (दौड़) इतिहास रच रही है। सैकड़ो युवाओं ने 5.30 बजे ही 21 किमी लंबी और उसके बाद 6.30 बजे 10 किमी लंबी दौड़ शुरू कर दी। अब 61 हजार युवा-युवतियां 5 किमी लंबी दौड़ में भाग ले रहे हैं। श्री मनोहर लाल ने कहा कि यह केवल दौड़ नहीं बल्कि देश को आजादी कराने वालों के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त करने के लिए एक उत्साह, जज्बा व भावना है।

साथियों की शहादत को भी किया याद

उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर द्वारा देश व समाज के लिए दी गई शहादत की घटना 1675 ईस्वी की है। गुरु जी एक सत्संग में बैठे थे। तब कुछ कश्मीरी पंडित कृपा राम के नेतृत्व में उनके पास आए और बताया कि उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जा रहा है। यातनाएं दी जा रही हैं। तब गुरु साहब ने कहा कि किसी महापुरुष द्वारा बलिदान देने पर धर्म परिवर्तन बंद हो सकता है। ऐसा करने से लोगों में जागृति आएगी। साथ बैठे 9 वर्षीय उनके पुत्र (जो बाद में 10वें गुरू, गुरू गोविंद सिंह जी हुए) ने कहा कि ऐसा महापुरुष आपके अलावा और कौन हो सकता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह गर्व की बात है कि एक पुत्र ने पिता से कहा कि बलिदान देना है तो हम जैसे लोगों को देना चाहिए। गुरु साहब ने पंडित कृपा राम से कहा आप सुल्तान से कह दें कि पहले गुरु तेग बहादुर का धर्म परिवर्तन करें। संदेश पाने के बाद सुल्तान ने सेना भेजकर गुरु साहब को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें पहले सरहिंद और फिर दिल्ली लाया गया। गुरु साहब के साथी-भाई मतिदास, भाई दयाला जी और भाई सती दास ने भी साथ ही बलिदान देने की बात कही। पहले भाई मतिदास को आरे से चीरा गया, भाई दयाला को उबलते  तेल के कड़ाहे में तपाकर मारा गया और भाई सती दास को रुई में लपेटकर खंभे से बांधकर आग लगा दी गई।

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