
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कुरुक्षेत्र की पिपली अनाज मंडी से कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल व यमुनानगर के 342 गांवों के 10870 प्रजापति परिवारों को पात्रता परिणाम पत्र वितरित किए। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने चारों जिलों के 11-11 पात्रों को मंच से पात्रता परिणाम पत्र सौंपे।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि ग्राम शामलात भूमि नियमावली 1964 के अंतर्गत कुरुक्षेत्र जिले के 83 गांवों के 2417 पात्रों का चयन किया गया। इनमें से ठोल गांव निवासी बंत राम, जमालदीन, गुरदास, ओम प्रकाश, रामेश्वर, शुभम, मंगत राम, बलदेव सिंह, बलबीर सिंह, निर्मल सिंह, गुरचरण सिंह को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने स्वयं प्रमाण पत्र सौंपे गए। इन परिवारों की पहचान परिवार पहचान पत्र के माध्यम से की गई। उन्होंने कहा कि कैथल जिले के 60 गांवों के 2498 पात्रों, करनाल जिले के 112 गांवों के 4341 पात्रों और यमुनानगर जिले के 87 गांवों में 1615 पात्रों पात्रता परिणाम पत्र वितरित किए गए हैं।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि गत 4 अगस्त को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गांवों में गरीब परिवारों को प्लाट देने की योजना का शुभारंभ किया गया था। इस योजना के तहत गांवों में 100 गज व महाग्राम में 50 गज का प्लाट दिए गए। अभी तक 561 गांवों में 1 लाख 58 परिवारों को प्लाट आवंटन करने प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। पात्रों का चयन परिवार पहचान पत्र के माध्यम से किया गया। चयन की प्र्रक्रिया पारदर्शी है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा पंचायतों को सशक्त करने के कार्यक्रम जारी किए गए हैं। इसके तहत ग्राम पंचायत 21 लाख तक के कार्यों को करने का फैसला स्वयं ले सकती है। इसके अलावा पंचायतों की आदमनी बढ़ाने के लिए भी कुछ कदम उठाए गए हैं। पंचायती जमीन की रजिस्ट्री के स्टांप शुल्क का पैसा पंचायत के खाते में जाता है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि पंचायत को बिजली उपभोक्ता पर ड्यूटी लगाकर खाते में पैसे भेजे जा रहे हैं। वहीं विभाग ने पंचायत एवं विकास विभाग द्वारा गांवों में लाइब्रेरी, जिम, महिला चौपाल, एलईडी गली निर्माण कर रहे हैं। अभी तक 390 भवनों में जिम उपकरण स्थापित किए जा चुके हैं। साथ ही 250 चौपालों को महिला सशक्तिकरण के लिए तैयार किया जा चुका है। इसके अलावा फिरनियों को पक्का करने, ग्रामीण कर्मियों का मानदेय बढ़ाना, स्वयं सहायता समूह के उत्थान के लिए लखपति दीदी और अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं। वहीं गांवों को खुले में शौच मुक्त करने को लेकर भी अभियान चलाया जा रहा है।