गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज की प्रेरणा से गीता ज्ञान संस्थानम में मंगलवार की देर रात्रि तुलसी विवाह श्रद्धा व धूमधाम से संपन्न हुआ। शालिग्राम जी की बारात बैंड बाजों के साथ धूमधाम से निकाली गई और जमकर रंगीन आतिशबाजी भी हुई। बैंड बाजों तथा धार्मिक भजनों की धुन पर बाराती जमकर नाचे। संस्थानम परिसर के मुख्य द्वार से शुरू होकर बारात श्री कृपा बिहारी जी के मंदिर पहुंची जहां श्रद्धालुओं ने बारात का स्वागत किया।
इस अवसर पर राधा व कृष्ण के भजनों से वातावरण भक्तिमय हो गया। पवन गुब्बर द्वारा आओ मेरी सखियों मेहंदी लगाओ, मुझे श्याम सुंदर की दुल्हन बनाओ गाए गए भजन पर श्रद्धालु झूम उठे। इसी प्रकार सुनील वत्स ने जब से सांवरे ने पकड़ा मेरा हाथ, मेरी हो गई बल्ले-बल्ले के भजन का भी श्रद्धालुओं ने खूब आनंद उठाया।
मंदिर परिसर में तुलसी और शालिग्राम की फेरों की रस्म अदा की गई। वधु पक्ष की ओर से लाला मंगत राम जिंदल व उनकी धर्मपत्नी बिमला जिंदल ने परिवार सहित कन्या धान की रस्म अदा की। दूसरी ओर वर पक्ष की जिम्मेदारी राजेंद्र चोपड़ा व उनकी धर्मपत्नी सुषमा चोपड़ा ने निभाई। फेरो के समय धार्मिक भजन गाए गए। फेरे कराने की जिम्मेवारी पंडित पवन मिश्रा ने संभाली। शालिग्राम जी ने तुलसी के संग अग्नि के सात फेरे लिए और इस प्रकार विधिपूर्वक तुलसी विवाह महोत्सव संपन्न हुआ।
इसके पश्चात बारातियों व अन्य श्रद्धालुओं के लिए भंडारे की व्यवस्था भी की गई थी। देवउठनी एकादशी के अवसर पर आयोजित तुलसी विवाह के भंडारे में श्रद्धालुओं ने आनंद उठाया। इस अवसर पर श्री कृष्ण कृपा गौशाला के प्रधान सुनील वत्स, विजय नरूला, रामकुमार शर्मा, पूर्व प्रधान सुरेश शर्मा, गीता ज्ञान संस्थानम के मीडिया प्रभारी रामपाल शर्मा,अशोक चहल, जयभगवान शर्मा, अरविंद, दीपक आहूजा, प्रदीप कुमार, पिंकी जिंदल, केसी कात्याल, नरेश, अशोक कौशल, नवोदित, चंद्रप्रकाश शर्मा, सविता वत्स, सरिता, रजनी शर्मा, कमला, धर्मपाल शर्मा, नरेश मोंगिया, ममता आहूजा, दिव्य शर्मा सहित अनेक श्रद्धालुओं ने भाग लिया।