सूचना, जन सम्पर्क, भाषा एवं संंस्कृति विभाग के महानिदेशक के.एम पांडुरंग ने कहा कि अम्बाला की पावन धरा से सुलगने वाली स्वतंत्रता संग्राम की दास्तान को एक छत के नीचे दर्शाने का अनोखा प्रयास किया जा रहा है। इस स्वतंत्रता संग्राम को लेकर सरकार की तरफ से आजादी की पहली लड़ाई के शहीदी स्मारक का निर्माण अम्बाला में ही किया जा रहा है। इस शहीदी स्मारक को भव्य, सुंदर, मनमोहक और अदभुत बनाने के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से हर संभव प्रयास किए जा रहा है। इस स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े तमाम पहलुओं को 22 गैलरियों के माध्यम से दिखाने का अनोखा प्रयास किया जाएगा। इस संग्राहलय का निर्माण कार्य तेज गति के साथ पूरा करने के लिए सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
महानिदेशक के.एम पांडुरंग मंगलवार को अम्बाला छावनी में एन.एच 44 पर निर्माणाधीन आजादी की पहली लड़ाई के शहीदी स्मारक के निर्माण कार्य की समीक्षा को लेकर अधिकारियों की एक बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। इससे पहले महानिदेशक के.एम पांडुरंग ने शहीदी स्मारक का बारीकी से निरीक्षण किया। इस दौरान शहीदी स्मारक के निदेशक डा. कुलदीप सैनी ने शहीदी स्मारक के निर्माण कार्य की रिपोर्ट प्रस्तुत की और सिविल वर्क के साथ-साथ आर्ट वर्क के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान एंजैसी के अधिकारी रितिका ने एंजैसी की तरफ से डिजाईन के अनुसार किए जा रहे कार्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत की और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने सिविल वर्क के कार्यों के बारे में फीडबैक दी है।
महानिदेशक ने शहीदी स्मारक का निरीक्षण करने के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि संग्राहलय के साथ-साथ प्रशासनिक ब्लाक, इवैंट एट अम्बाला, आउट ब्रेक अम्बाला, वार एट अम्बाला, आउट ब्रेक ऑफ हरियाणा, हरियाणा डाक्यूमैंट्री, वार एट हरियाणा, वार इन इंडिया, एट्रोसिटी टनल, एट्रोसिटी इन इंडिया, ट्रिब्यूट ट्री सहित अन्य गैलरियों को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कहा है। इसके साथ ही सिविल और आर्ट वर्क के कार्यों की नियमित रूप से समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की तरफ से 1857 के स्वतंत्रता संग्राम को लेकर अम्बाला में एक भव्य और अदभुत प्रोजैक्ट बनाया जा रहा है। यह प्रोजैक्ट देश व विदेश में अपना मुकाम हासिल करेगा, इसलिए इस संग्राहलय के निर्माण के हर पहलू पर फोकस रखकर काम किया जाए, इसके साथ ही निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
शहीद स्मारक के निदेशक डॉ. कुलदीप सैनी ने कहा कि यह 1857 में आजादी की पहली लड़ाई में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्मारक बनाया जा रहा है। इसका सिविल वर्क जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा। इस स्मारक में इन्फार्मेशन सेंटर होगी जहां दुकानें, सिक्योरिटी रूम, टिकट काउंटर होगा। इसके अलावा यहां वीवीआईपी के आने-जाने के लिए हेलीपैड सुविधा भी होगी।
इस मौके पर एसडीएम सतिन्द्र सिवाच, एक्सीईएन रितेश गोयल, एक्सीईएन अमित कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
स्मारक में यह होगा आकर्षण का केंद्र
महानिदेशक ने कहा कि अम्बाला छावनी में बन रहे शहीदी स्मारक में सेंटर में शॉप्स, बच्चों के खेलने के लिए एरिया, रिसेप्शन, टॉयलेट ब्लॉक, कोर्ट यार्ड, मीटिंग हॉल, कांफ्रेंस हॉल, डाइिनंग हॉल होगा। म्यूजियम गैलरी, ऑडियो विजुअल हॉल, लॉबी, आफिस एरिया, शहीदी वॉल वीआईपी एट्रेंस होगी। 2 हजार लोगों के बैठने के लिए ओपन एयर थियेटर, स्मारक में एग्जीबिशन हॉल, फूड कोर्ट, टॉयलेट ब्लॉक, रिर्हसल रूम, फिल्टरेशन रूम व अन्य सुविधाएं होंगी। उन्होंने कहा कि आडिटोरियम के अलावा कॉफी शॉप, फूड कोर्ट, सीटिंग एरिया, लॉबी, कोर्ट यार्ड, लाइब्रेरी, ई-लाइब्रेरी होगी। वॉटर बॉडीज में विभिन्न किस्म के फव्वारे, वॉटर स्क्रीन, कनेटिंग ब्रिज व अन्य सुविधा होगी। डेढ़ सौ फुट से ऊंचा मेमोरियल टॉवर होगा, यहां आर्ट गैलरी, वॉटर बॉडी, हाई स्पीड लिफ्ट आदि होगी। स्मारक में वाहन पार्किंग के लिए अंडर ग्राउंड डबल बेसमेंट पार्किंग सुविधा होगी। यहां 400 कार के अलावा 20 बस खड़ी की जा सकेंगी। इसके अलावा स्टाफ के लिए 10 क्वार्टर भी यहां बनाए जाएंगे।