हरियाणा में डीएपी खाद की कमी ने एक बार फिर किसानों के लिए बड़ी परेशानी खड़ी कर दी है। समय पर डीएपी खाद किसानों को नहीं मिला तो गेहूं का उत्पादन बहुत कम होगा। किसानों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ेगा। भारतीय किसान यूनियन सर छोटूराम ने किसानों की परेशानी पर चिंता जाहिर की है। यूनियन के प्रवक्ता बहादुर मेहला बलड़ी ने कहा कि हर वर्ष सरकार की नाकामी और किसानों के प्रति असंवेदनशीलता देखने को मिलती है।
खाद व्यापारी पहले डीएपी का स्टोक इक्टठा कर लेते हैं और बाद में किसानों को ब्लैकमेल कर मोटे दामों पर इसकी बिक्री करते हैं। खाद इस शर्त पर दिया जाता है कि किसानों को खेती संबंधी अनावश्यक दवाइयां भी साथ लेनी पड़ेंगी। बहादुर मेहला ने कहा कि किसान मजबूरी में कालाबाजारी में महंगे दामों पर खाद खरीदने को मजबूर हंै।
यूनियन फसल कटाई के समय से ही सरकार से किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद मुहैया करवाने की मांग कर रही थी। सरकार ने सुनवाई नहीं की। इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। खाद देरी से मिलेगी तो फसलों की बुवाई में देरी होगी। उन्होंने कहा कि सरकार बिना देरी किए किसानों को डीएपी उपलब्ध करवाए। सहकारी समितियों के माध्यम से गांवों में डीएपी खाद भेजी जाए। कालाबाजारी करने वाले व्यापारियों पर सख्त एक्शन हो।