ऐतिहासिक नगरी में 27 अक्टूबर को होने वाली मैराथन की तैयारियों को प्रशासन ने अंतिम रूप दे दिया है। मैराथन स्थल को बेहतरीन तरीके से सजाया जा रहा है। मुख्यमंत्री नायब सिंह का पानीपत मैराथन का सरकार बनने के बाद पहला कार्यक्रम है जिसमें प्रशासन किसी भी तरह की कौर कसर नहीं छोडऩा चाहता। मैराथन में पहुंचने वालों के लिए प्रशासन की तरफ से प्राईवेट स्कूलों का भी सहयोग लिया गया है।
उपायुक्त डॉ.वीरेन्द्र कुमार दहिया ने मैराथन से संबंधित विभागों और शेष बची धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं की शुक्रवार को महत्वपूर्ण बैठक लेते हुए कहा कि अगर सभी का परस्पर सहयोग रहा तो यह मैराथन लिमका गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में नाम दर्ज करवाने में सफल रहेगी क्योंकि जिस तरह से पंजीकरण की गति चल रही है उससे यह आकड़ा रोजना बदल रहा है। अब तक 43 हजार से ज्यादा धावकों ने साइट पर पंजीकरण करवा लिया है।
उपायुक्त ने बताया कि जिन सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं के अलावा अन्य सहयोगी संगठन मैराथन में भागीदारी कर रहे है उन्हें अच्छी क्वालिटी की टी-शर्ट उपलब्ध करवाई जाएगी। सुरक्षा की दृष्टिïगत नेहरू युवा केंद्र व पुलिस के 500 कर्मचारी वालंटियर के रूप में मैराथन में भूमिका निभायेेंगे। 125 के करीब बसें लगाई गई है जो गांव से धावकों को लेकर सैक्टर 13-17 मैराथन स्थल पर पहुंचेगी।
कार्यक्रम में डीपो होल्डरों का भी सहयोग लिया जा रहा है। मैराथन में पहुंचने वालों वाहनों के लिए यमुना एनकेल्व में पार्किंग की व्यवस्था की गई है। वाहनों के लिए पास की भी व्यवस्था की गई है। धावकों के आगे आगे पुलिस विभाग की दो मोटर साइकिलें रास्ता बताती हुई चलेगी। 500 वीआईपी मैराथन में शिरकत करेंगे।
उपायुक्त ने बताया कि मैराथन स्थल पर साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा गया है। जहां से मैराथन गुजरेगी उस जगह पर पानी का छिडक़ाव करवाया गया है। 30 के करीब स्टाल लगायें गए है जो धावकों को अच्छे व्यंजन व रोजमर्रा की खादय चीजें उपलब्ध करवायेंगे।
उपायुक्त ने बताया कि करीब 4 घंटे तक चलने वाले इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का संबोधन रहेगा। इसको लेकर मिनट टू मिनट कार्यक्रम बनाया गया है। बसों के लिए पास वितरीत किए गए है। स्टाफ के सदस्यों के लिए परिचय पत्र का प्रावधान किया गया है। मोबाइल शौचालय भी बनाये गए है।