आज नेक व्यक्ति को पुरस्कार प्रदान करने की योजना पर पुलिस अधीक्षक करनाल श्री मोहित हाण्डा ने कहा कि सभी को दुर्घटनाओं में पीड़ितों की सहायता अवश्य करनी चाहिए, यदि पीड़ित को दुर्घटना के पहले घंटे के अंदर अस्पताल ले जाया जाए तो कई लोगों की जान बचाई जा सकती है। इसके लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा नेक व्यक्ति को पुरस्कार प्रदान करने की योजना भी चलाई गई है। जिसके तहत यदि कोई नेक व्यक्ति किसी घायल व्यक्ति की जान बचाता है तो ऐसे व्यक्ति को प्रशंसा प्रमाण पत्र व 5000 रूपये का पुरस्कार भी दिया जाएगा।
नेक व्यक्ति कौन हैं –
उन्होंने कहा कि नेक व्यक्ति से अभिप्राय ऐसे व्यक्तियों से है जो सद्भावपूर्वक, स्वेच्छा से तथा बिना किसी पुरस्कार या मुआवजे की अपेक्षा के दुर्घटना स्थल पर पीड़ित को आपातकालीन चिकित्सा या गैर-चिकित्सा देखभाल या सहायता प्रदान करता है या ऐसे पीड़ित को अस्पताल पहुंचाता है।
नेक व्यक्ति कानून की आवश्यकता क्यों –
श्री मोहित हाण्डा ने कहा कि दुर्भाग्य से भारत में सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक मौतें होती हैं। देश में तीन-चौथाई लोग पुलिस उत्पीड़न, अस्पतालों में जाने से रोकने और लंबी कानूनी औपचारिकताओं के डर से सड़क पर घायल दुर्घटना पीड़ितों की मदद करने से हिचकिचाते हैं। यदि कोई मदद करना भी चाहता है, तो इन्ही कारकों के कारण वे ऐसा नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में भारत में सड़क दुर्घटनाओं में 15 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। भारतीय विधि आयोग की रिपोर्ट के अनुसार इनमें से 50 प्रतिशत पीड़ितों की मृत्यु ऐसी चोटों के कारण हुई जिनका उपचार किया जा सकता था, अगर उनकी समय पर देखभाल की जाती तो उन्हें बचाया जा सकता था। पीड़ित को आपातकालीन देखभाल उपलब्ध कराने में दुर्घटना स्थल के आसपास के लोगों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, लेकिन भारत में कानूनी नतीजों और प्रक्रियागत परेशानियों के डर से घायलों की मदद करने से हिचकिचाते हैं।
नेक व्यक्ति को पूरस्कार प्रदान करने की योजना व उद्धेश्य –
उन्होंने बताया कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक योजना भी शुरू की है, उस नेक व्यक्ति को पुरस्कार प्रदान करना जिसने मोटर वाहन से जुड़ी घातक दुर्घटना के पीड़ित की तत्काल सहायता करके और सही समय पर उसे अस्पताल/ट्रामा केयर सेंटर पहुंचाकर चिकित्सा उपचार प्रदान करके उसकी जान बचाई है। जिसका मुख्य उद्धेश्य नकद पुरस्कार और प्रशांसा पत्र के माध्यम से जनता को सड़क दुर्घटना पीड़ितों की आपात स्थिति में मदद करने और उनका मनोबल बढ़ाने के लिए प्रेरित करना और सड़क दुर्घटना पीड़ितों की जान बचाने के लिए दूसरों को प्रोत्साहित व प्रेरित करना है।
नेक व्यक्ति योजना का पात्र कैसे बनें –
कोई भी व्यक्ति जिसने किसी मोटर वाहन से जुड़ी गंभीर दुर्घटना के पीड़ित को तत्काल सहायता प्रदान करके तथा दुर्घटना के गोल्डन आवर के भीतर चिकित्सा उपचार उपलब्ध कराने के लिए अस्पताल पहुंचाकर उसकी जान बचाई हो। यदि घटना की सूचना सर्वप्रथम नेक व्यक्ति द्वारा पुलिस को दी जाती है या नेक व्यक्ति पीड़ित को सीधे अस्पताल ले जाता है।
उन्होंनें कहा कि मोटर वाहन से जुड़ी किसी घातक दुर्घटना में पीड़ित की जान बचाने वाले नेक व्यक्ति को 5000/- रूपये की पुरस्कार राशि व प्रत्येक पुरस्कार के साथ एक प्रशंसा प्रमाण पत्र दिया जाएगा। हालांकि सामान्य तौर पर सड़क दुर्घटना के पीड़ितों की मदद करने की तत्परता में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन पीड़ितों की मदद करने के लिए ठोस कार्यवाही करने की मंशा अभी भी कम है। अस्पताल/पुलिस स्टेशन नेकर व्यक्ति संबंधी कानून के अनुसार किसी नेकर दिल व्यक्ति को अनावश्यक रूप से रोककर नहीं रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश में अगर आस-पास के लोग पीड़ितों की मदद के लिए आगे आएं तो हजारों व्यक्तियों की अनमोल जिंदगी बचाई जा सकती है।
अंत में श्री मोहित हाण्डा ने कहा कि किसी की जान बचाने का संकल्प लें आइए इसे अपनी नैतिकता के रूप में लें और एक अच्छे नागरिक होने का कर्तव्य निभाएं।