हरियाणा विधानसभा चुनाव में इस बार छोटी पार्टियों का जादू नहीं चला। इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) 2 सीटें जीतने में कामयाब रही। 2019 में 10 सीट जीतने वाली जननायक जनता पार्टी (JJP) इस बार जीरो पर सिमट गई।
उचाना में पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला तो पांचवें स्थान पर आए। राज्य में 90 सीटों पर पहली बार चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी (AAP) भी अपना खाता नहीं खोल पाई।
हरियाणा लोकहित पार्टी (HLP) की भी यही स्थिति रही। सिरसा में गोपाल कांडा चुनाव हार गए। 2019 विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपनी पार्टी से जीत दर्ज की थी। महम से पूर्व विधायक बलराज कुंडू की हरियाणा जनसेवक पार्टी (HJP) पहले ही विधानसभा चुनाव में ध्वस्त हो गई।
2019 में भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने वाली जजपा इस बार आजाद समाज पार्टी (ASP) के साथ मिलकर 85 सीटों पर लड़ी। राज्य में पार्टी को कुल 1.25 लाख वोट ही मिले।
2019 में उचाना में रिकॉर्ड वोटों से जीतने वाले दुष्यंत चौटाला इस बार पांचवें स्थान पर खिसक गए। उन्हें 7950 वोट ही मिले। सिर्फ डबवाली में उनके भाई दिग्विजय चौटाला की जमानत बच पाई। दिग्विजय को यहां 35,261 वोट मिले।