शनिवार 5 अक्टूबर को हरियाणा प्रदेश की सभी 90 वि.स. सीटों पर मतदान सम्पन्न होने के बाद अब सारी निगाहें मंगलवार 8 अक्टूबर को निर्धारित मतगणना के दिन पर टिक गई हैं. जहाँ तक मतदान पश्चात विभिन्न न्यूज़ चैनल्स और चुनाव एजेंसियों आदि द्वारा सार्वजनिक किये गये एग्जिट पोल्स के नतीजों का विषय है, तो लगभग सभी द्वारा नई गठित होने वाली 15वी हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों में से कांग्रेस पार्टी को औसतन 50 से 55 सीटें अर्थात स्पष्ट बहुमत मिलने का अनुमान जताया जा रहा है.
इसी बीच पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट एडवोकेट एवं राजनीतिक-चुनावी विश्लेषक हेमंत कुमार (9416887788) ने बताया कि 58 वर्ष पूर्व 1 नवम्बर, 1966 को तत्कालीन संयुक्त पंजाब से अलग कर हरियाणा को देश के नए राज्य का दर्जा मिलने के बाद आज तक मौजूदा विधानसभा चुनाव को मिलाकर कुल 14 आम चुनाव हुए है. पिछले सभी चुनावों अर्थात फरवरी, 1967 और अक्टूबर, 2019 के मध्य हुए 13 आम चुनावों में कांग्रेस पार्टी का वोट प्रतिशत के तौर पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन वोट प्रतिशत के तौर पर वर्ष 1972 आम चुनाव में 46.91% रहा था जिसमें तत्कालीन 81 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस को 52 सीटें प्राप्त हुई थीं हालांकि 1 सीट पर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार की ज़मानत जब्त हुई थी. वहीं जहाँ तक कांग्रेस पार्टी द्वारा अब तक विधानसभा आम चुनाव में सर्वाधिक सीटें जीतने का विषय है, तो इस दृष्टि से पार्टी का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन वर्ष 2005 आम चुनाव में रहा जब पार्टी को 67 सीटें प्राप्त हुई एवं उसका प्रदेश भर में वोट प्रतिशत 42.46 % रहा था एवं यहीं नहीं उस चुनाव में किसी भी वि.स. सीट पर कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी की ज़मानत जब्त नहीं हुई थी.
हेमंत ने बताया कि हरियाणा प्रदेश के चुनावी इतिहास में आज तक
वर्ष 2005 आम चुनाव के अलावा केवल दो बार वर्ष 1967 और 1968 के वि.स. आम चुनावों में ऐसा हुआ था जब कांगेस पार्टी के एक भी उम्मीदवार की प्रदेश भर में ज़मानत जब्त नहीं हुई थी. वर्ष 1967,में हरियाणा प्रदेश के पहले वि.स. आम चुनाव में जिसमें तत्कालीन 81 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस को 48 सीटें प्राप्त हुई थीं जबकि उसका वोट प्रतिशत 41.33 रहा. इसी प्रकार उसके अगले वर्ष 1968 में दूसरे वि.स. आम चुनाव में कांग्रेस के एक बार फिर 48 सीटें जीती जबकि इस बार उसका वोट प्रतिशत 43.83% रहा था.
वहीं जहाँ तक कांग्रेस पार्टी को गत 13 वि.स. आम चुनावों में सबसे कम प्राप्त हुए वोट प्रतिशत और सीटों का विषय है, तो वर्ष 1977 विधानसभा आम चुनाव में कांग्रेस, जिसने 90 में से 83 सीटों पर चुनाव लड़ा था, को मात्र 3 सीटें एवं प्रदेश भर में 17.15% वोट मिले थे. उस चुनाव में कांग्रेस के 38 उम्मीदवारों की प्रदेश भर में ज़मानत जब्त हो गई थी. हेमंत ने बताया कि रोचक बात यह है कि बेशक उस चुनाव में जनता पार्टी ने प्रदेश में 90 सीटों पर चुनाव लड़कर रिकॉर्ड 75 सीटें जीती परन्तु उसके 3 उम्मीदवारों की भी ज़मानत जब्त हुई थी.
हेमंत ने चुनाव आयोग के रिकॉर्ड के आधार पर बताया कि जहाँ तक 1987 वि.स. आम चुनाव का विषय है, जिसमें कांग्रेस पार्टी को राज्य भर में 90 में से केवल 5 सीटों ही मिली थी हालांकि उसे प्रदेश में 29.18% वोट प्राप्त हुए थे. उस चुनाव में कांग्रेस के केवल 8 प्रत्याशियों की ही ज़मानत जब्त हुई थी. उस चुनाव में देवी लाल को लोकदल-भाजपा गठबंधन और गैर-कांग्रेसी पार्टियों के गठबंधन ने बेशक 90 में से 85 जीतीं परन्तु लोकदल के 5 और भाजपा के 3 उम्मीदवारों को भी अपनी ज़मानत राशि गंवानी पड़ी थी.