कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक विज्ञान विभाग तथा मीरकैट्स इनोवेटिव टेक्नो टूल्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा की अध्यक्षता में कुवि की ओर से कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा व मीरकैट्स इनोवेटिव की ओर से आशीष मनोचा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
इस मौके पर कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने बधाई देते हुए कहा कि इस एमओयू से नैनो टेक्नोलॉजी में विद्यार्थियों के लिए रोजगार के नए क्षेत्र खुलेंगे।
कुलपति प्रो. सोमनाथ ने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए यह एमओयू किया गया है। इस तरह की पहल से छात्रों में नवाचार, उद्यमिता एवं स्टार्टअप योग्यता विकसित करने और रोजगार के अवसर पैदा करने में सहायक होगी।
कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि विश्वविद्यालय के छात्र एन्टरप्रेन्योर बनकर आत्मनिर्भर बने व विकसित राष्ट्र के निर्माण में अपना अहम योगदान दे। दोनों संस्थानों को शैक्षणिक और शैक्षिक सहयोग विकसित करने, अनुसंधान सांझा करने, प्रोफेशनल इंटर्नशिप और तकनीकी सहयोग और स्थायी साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए यह समझौता किया गया है।
कुलपति प्रो. सोमनाथ ने कहा कि इस समझौते के तहत दोनों पक्ष इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के प्रदर्शन और जीवन को बेहतर बनाने के लिए मिलकर काम करेंगे। विश्वविद्यालय नैनो प्रौद्योगिकी का उपयोग करके नई सामग्री और संरचनाओं को विकसित करने के लिए इस कंपनी के साथ सहयोगी अनुसंधान गतिविधियों की शुरुआत करेगा। ये सामग्री इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम, विशेष रूप से लैपटॉप और डेस्कटॉप कंप्यूटर की दक्षता और प्रदर्शन को बेहतर बनाने में सहायक होगी।
इलेक्ट्रॉनिक विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. मुकेश कुमार ने बताया कि इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से विभाग और मीरकैट्स इनोवेटिव टेक्नो टूल्स दोनों इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार के लिए उत्पाद विकसित करने के लिए अपनी अनुसंधान सुविधाओं को एक-दूसरे के साथ साझा करेंगे।
यह छात्रों को मीरकैट्स इनोवेटिव टेक्नो टूल्स की साइटों पर अपनी ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप और छह महीने की परियोजना गतिविधियों को पूरा करने के अवसर भी प्रदान करेगा। उन्होंने बताया कि विभाग पहले से ही सेमीकंडक्टर डिजाइन और फैब्रिकेशन के क्षेत्र में काम कर रहा है और यह इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन का भी हिस्सा है।
इस तरह की औद्योगिक साझेदारी न केवल हमारी मौजूदा गतिविधियों को समर्थन देने में मदद करेगी, बल्कि विभागीय शोध विद्वानों और अन्य छात्रों के लिए नए क्षेत्रों और शोध के क्षेत्र शुरू करने के लिए भी द्वार खोलेगी। यह समझौता ज्ञापन नई शिक्षा नीति की भावना के कार्यान्वयन में भी मदद करेगा और कंपनी एमएससी इलेक्ट्रॉनिक साइंस के छात्रों को ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप और छह महीने के शोध कार्य के विकल्प प्रदान करेगी।