प्रदेश भर में चल रहे निजी स्कूल संचालकों को आने वाली अधिकतम और उन समस्याओं का हल करने के लिए निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने जारी प्रेस ब्यान करते हुए कहा कि 10 अगस्त दिन शनिवार को अंबाला शहर नई अनाज मंडी में शिक्षक महाआक्रोश रैली का आयोजन किया जा रहा है।
इस रैली में प्रदेश भर से निजी स्कूल संचालक और स्टाफ भागीदारी करेगा, ताकि सरकार तक निजी स्कूलों को आने वाली प्रॉब्लम वह परेशानियां की आवाज पहुंचाई जा सके। डॉ. कुलभूषण शर्मा ने दावा किया कि अंबाला शहर में होने वाली इस रैली में प्रदेश भर से करीब 10000 निजी स्कूल संचालक व शिक्षक भागीदारी करेंगे।
निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि पिछले 10 सालों में प्रदेश भर के निजी स्कूल संचालकों से बात करने के बाद सामने आया है की करीब 40 प्रॉब्लम से निजी स्कूल संचालक परेशान है। इन परेशानियों को लेकर लगातार सरकार से इन्हें दूर करने की मांग की जाती रही है लेकिन सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया।
कुलभूषण शर्मा ने कहा कि शिक्षकों और निजी स्कूल संचालकों को कमजोर समझने की सरकार गलती ना करें। उन्होंने कहा कि हमारे अधिकतर मांगे शिक्षा मंत्री और परिवहन मंत्री से हैं। प्रदेश भर से शिक्षक इस रैली में पहुंच रहे हैं और सरकार ने मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो जो भी रणनीति बनेगी उसके अनुसार आगे संघर्ष किया जाएगा।
शर्मा ने कहा कि लगभग 10 वर्ष पहले हरियाणा के करीब सभी प्राइवेट स्कूलों ने भारतीय जनता पार्टी को पूरजोर समर्थन दिया था ओर पार्टी ने भी अपने घोषणा पत्र में हमसे वादा किया था कि सरकार बनने पर प्राइवेट स्कूलों कि सभी उचित समस्याओं का समाधान किया जाएगा ओर एक भी प्राइवेट स्कूल को नियमों का सरलीकरण कर बंद नहीं होने दिया जाएगा, लेकिन हमें दुखी हदय से यह कहना पड़ रहा है कि 10 वर्षों में भारतीय जनता पार्टी ने कुछ मुद्दों को छोड़कर जैसे फायर स्टीफिकेट की अवधि 1 वर्ष से 3 वर्ष ओर कोरोना के दौरान 1 साल का प्रोपर्टी टैक्स माफ करने की नोटिफिकेशन तत्कालीन लोकल बॉडी मिनिस्टर अनिल विज द्वारा की गई नियमों में एक राहत का पत्र तत्कालीन एवं पूर्व शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर द्वारा भी जारी किया गया।
जिसकों सही भावना से विभाग द्वारा लागू ना कर प्राइवेट स्कूलों कि अपक्षोओं पर पानी फेरने का काम शिक्षा विभाग ने किया। डॉ. कुलभूषण शर्मा ने बताया कि फेडरेशन द्वारा एक पत्र मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री सीमा त्रिखा को भी सौंपकर प्राइवेट स्कूलों की तकलीफों को दूर करने का आग्रह किया, लेकिन अभी तक वहां से किसी भी तरह की कोई राहत भर संदेश नही मिला है।