घरौंडा के विधायक हरविंद्र कल्याण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सोच है कि किसान का हक कोई दूसरा न मारे, बल्कि किसान को ही मिले। इसके लिए केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा पूरी पारदर्शिता बरतते हुए डिजीटल तरीके से किसान के नाम का पैसा सीधा उनके खाते में भेजा जा रहा है। यह पिछले 10 वर्षों में किया गया एक बहुत बड़ा व्यवस्था परिवर्तन है।
विधायक हरविंद्र कल्याण वीरवार को करनाल सहकारी चीनी मिल को राष्ट्रीय स्तर पर दक्षता की श्रेणी में प्रथम पुरस्कार के लिए चयन होने पर आयोजित सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
विधायक ने इस मौके पर मिल प्रशासन व किसानों को बधाई व शुभकामनाएं दी और खुशी जाहिर की कि करनाल शुगर मिल से जुड़ने वाले करीब 80 प्रतिशत किसान मेरे घरौंडा हलके से हैं।
उन्होंने कहा कि भविष्य में भी इसी प्रकार से मिल राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाए रखेगी। उन्होंने बताया कि अगस्त माह में दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह द्वारा यह पुरस्कार करनाल शुगर मिल प्रशासन को दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों को भाव की चिंता करने की जरूरत नहीं है। इसको लेकर सरकार पूरी तरह से गंभीर है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार रूक्के नहीं देती बल्कि काम करके दिखाती है। उन्होंने कहा कि अब तक भी गन्ने का भाव अन्य प्रदेशों की तुलना में सर्वाधिक रहा है और आगे भी रहेगा।
उन्होंने कहा कि मैं भी किसान का बेटा हूं और किसानों की समस्या को अच्छी तरह से समझता हूं। संघर्ष करके मैं भी यहां तक पहुंचा हूं। इसलिए किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। समय-समय पर किसानों के हित की बात सरकार के मसक्ष रखता हूं और उनको पूरा करवाने की कोशिश करता हूं।
उन्होंने कहा कि किसानों व शुगर मिल प्रशासन के सहयोग से शुगर मिल का नवीनीकरण का कार्य पूरा करवाने में कामयाब हुआ हूं। शुगर मिल के नवीनीकरण को लेकर विधायक ने पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल का करनाल के किसानों की ओर से आभार प्रकट किया।
विधायक ने किसानों व शुगर मिल प्रशासन का आह्वान किया कि शुगर मिल के मुनाफे के लिए आगामी 10 वर्षों की योजना तैयार करें जिससे शुगर मिल की वित्तीय स्थिति में सुधार हो किसान भाईयों को भी उसका लाभ मिले।
उन्होंने सुझाव दिया कि मुनाफे से मिल की बुनियादी जरूरतों को मजबूत किया जाए। किसानों तथा शुगर मिल कर्मियों के कल्याण की योजना बनाई जानी चाहिए। इतना ही नहीं शुगर मिल की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए सहकारिता के आधार पर शुगर मिल को विकसित किया जाना चाहिए।
मिल में बिजली प्लांट के साथ-साथ एथेनाॅल प्लांट तथा सोलर प्लांट भी लगना चाहिए, जिससे मिल की आय बढ़े तथा खर्च कम हो। उन्होंने किसानों की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि शुगर मिल में शैड भी बनना चाहिए।