सांसद नवीन जिंदल ने कहा कि प्राकृतिक खेती से किसानों को जोडऩे का जो इनीशिएटिव उन्होंने लिया था। उसे लेकर केंद्र सरकार ने रुचि दिखाई है। हाल ही में उन्होंने गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिलकर प्राकृतिक खेती के इस कांसेप्ट को बढ़ावा देने संबंधी बात की थी।
जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। मंगलवार को प्रस्तुत किए गए बजट में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती से जोडऩे का प्रावधान सरकार ने तय किया है।
सांसद जिंदल ने कहा कि यह विषय लोगों की सेहत से जुड़ा हुआ है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस विषय को लेकर बेहद गंभीर हैं। उन्होंने कहा कि बंजर और जहरीली हो रही भूमि को बचाने का एकमात्र जरिया प्राकृतिक खेती है। यूरिया डीएपी और पेस्टिसाइड की परत ने मिट्टी को इस कदर सख्त बना दिया है कि जमीन में पानी जाने के लिए रिसाव के छेद भी बंद होने लगे हैं।
इसी वजह से जमीन बरसात का भी पूरा पानी अंदर नहीं सोख पा रही। गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत के साथ मिलकर उन्होंने इस योजना पर काम शुरू कर दिया है। पहले चरण में उनकी ओर से स्टाफ की लगभग 20 सदस्यों की टीम व उनके आग्रह पर 8 से 10 किसान गुरुकुल कुरुक्षेत्र में स्थित प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण केंद्र में संबंधित विषय की ट्रेनिंग ले रहे हैं। ट्रेनिंग लेने के उपरांत ये लोग किसानों के बीच जाएंगे और उन्हें प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित करते हुए इसके फायदे बताएंगे।
सांसद ने कहा कि अचानक बढ़ती जा रही शुगर, हार्ट अटैक, बीपी व कैंसर जैसी बीमारियों का मुख्य कारण जहर युक्त खेती भी है। इसके प्रति सभी किसानों को सचेत होना होगा। उनका प्रयास यह भी रहेगा कि प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को अतिरिक्त सुविधाएं दिलाने के साथ-साथ उनके प्रोडक्ट की मार्केटिंग में भी सहयोग किया जाएगा।
ऐसे किसानों के निशुल्क प्रशिक्षण की व्यवस्था में भी वे सहयोग करेंगे। पहले गुजरात के राज्यपाल एवं गुरुकुल कुरुक्षेत्र के संरक्षक आचार्य देवव्रत की प्राकृतिक खेती मुहिम को कुरुक्षेत्र के सांसद नवीन जिंदल का समर्थन मिलना और अब केंद्र सरकार द्वारा बजट में प्रावधान करना एक नया इतिहास रचेगा।
अभी पिछले दिनों, सांसद नवीन जिंदल ने प्रमुख किसान नेताओं के साथ गुरुकुल पहुंचकर रामनिवास आर्य से प्राकृतिक खेती के पूरे प्रोसेस को विस्तार से समझा था। गुरुकुल में प्राकृतिक खेती के वैज्ञानिक पक्ष को पदमश्री डॉ. हरिओम ने सांसद जिंदल के समक्ष मजबूती से प्रस्तुत किया था।
डॉ. हरिओम ने बताया कि आचार्य देवव्रत जी पहले ही पूरे देश में प्राकृतिक खेती के रोल मॉडल बनकर व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार कर रहे हैं और उनकी प्राकृतिक खेती मुहिम का देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर गृहमंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सहित तमाम बड़े नेता और अनेक सामाजिक कार्यकर्ता कर चुके हैं।
गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत के मार्गदर्शन में हिमाचल प्रदेश में जहां शत-प्रतिशत ग्राम पंचायतें आज प्राकृतिक खेती कर रही हैं, वहीं गुजरात में 10 लाख से अधिक किसान प्राकृतिक खेती को अपना चुके हैं और देशी गाय के संरक्षण के साथ-साथ जहरमुक्त खाद्यान्न लोगों को उपलब्ध करवा रहे हैं।
हरियाणा में भी सांसद एवं उद्योगपति नवीन जिंदल के सहयोग से प्राकृतिक खेती मिशन को नये पंख लग जायेंगे और जल्द ही लाखों किसान जहरीली खेती को छोडक़र प्राकृतिक खेती करते नजर आएंगे।