हरियाणा राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने शुक्रवार को नारी निकेतन व महिला थाने का निरीक्षण किया और महिलाओं को दी जाने वाली सुविधाओं का जायजा लिया व अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इसके पश्चात उन्होंने महिला थाना का निरीक्षण किया और महिला उत्पीड़न से संबंधित मामलों के बारे में जानकारी ली।
उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि महिलाओं से संबंधित केसों में जांच अधिकारी मर्यादित भाषा का प्रयोग करें। इसके साथ-साथ किसी भी मामले को लेकर महिलाओं पर अन्यथा दबाव नहीं बनाएं। इस दौरान रेनू भाटिया ने महिलाओं से संबंधित पांच मामलों की सुनवाई की व इन मामलों को जल्द निपटाने के निर्देश दिए।
चेयरपर्सन ने महिलाओं से बात करते हुए कहा कि महिला आयोग द्वारा हर 3 -4 महीने में वन स्टॉप सेंटर, नारी निकेतन, रेड क्रॉस हॉस्टल व जेल का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया जाता है।
उन्होंने कहा कि रनअवे के केस में आई बेटियों के घर वालों से बात की जा रही है, ताकि उनको घर भेजा जा सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वन स्टॉप सेंटर में जो भी महिलाएं घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न, यौन उत्पीड़न आदि से पीड़ित होकर आश्रय लेने के लिए आती हैं, उन सभी को स्वास्थ्य, कानून आदि संबंधित सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए।
संबंधित महिलाओं की सही से काउंसलिंग होनी चाहिए। जिन महिलाओं का वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से समझौता हो गया है, उनका फॉलोअप भी करते रहें कि अब वो ठीक प्रकार से जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि महिलाओं को डरने की जरूरत नहीं है। हम हर कार्य में सक्षम हैं, अपने लिए लड़ाई लड़ सकते हैं। सरकार द्वारा नारी निकेतन, वन स्टॉप सेंटर, महिला थाना बनाए गए हैं, जहां महिलाएं उनके साथ हो रही हिंसा की सूचना दे सकती हैं।
इन स्थानों पर घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न, यौन उत्पीड़न आदि से पीड़ित सभी आयु वर्ग की महिलाओं व 18 वर्ष से कम आयु की लड़कियों को पुलिस सहायता, कानूनी सहायता, चिकित्सा सुविधा, काउंसलिंग, अस्थाई आश्रय आदि सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।
इस मौके पर उप-पुलिस अधीक्षक मीना, जिला कार्यक्रम अधिकारी सीमा प्रसाद, बाल विवाह निषेध अधिकारी सविता राणा, जिला बाल संरक्षण अधिकारी रीना, महिला थाना प्रबंधक सतविंद्र कौर, नारी निकेतन अधीक्षक संध्या, बाल कल्याण समिति मेंबर मीना कम्बोज उपस्थित रहीं।