हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा प्रदेश में पारदर्शी तरीके से युवाओं को सरकारी नौकरियां मिल रही हैं और प्रदेश में एक ऐसा वातावरण तैयार हुआ है जिसमें गरीब के बच्चे भी अब एचसीएस ऑफिसर व पुलिस विभाग में इंसपेक्टर के पदों पर नियुक्त हो रहे हैं।
प्रदेश में बदले इस वातावरण से युवाओं में एक आस जगी है कि अब उन्हें मेहनत के बल पर सरकारी नौकरी मिल सकती है, जिसके लिए वे कड़ी मेहनत के साथ-साथ कोचिंग सेंटरों में भी ट्रेनिंग ले रहे हैं और यह विश्वास जगा है कि अब लाइन में खड़े अंतिम व्यक्ति को भी जीवन में आगे बढऩे का अवसर मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा भ्रष्टाचार पर भी कड़ा प्रहार किया गया है। भ्रष्टाचार में संलिप्त पाए जाने पर बड़े से बड़े अधिकारियों को भी बख्शा नहीं जा रहा।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी आज कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज, करनाल के सभागार में आयोजित मेधावी छात्र सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थेे। मुख्यमंत्री ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष द्वीप प्रज्जवलित करके कार्यक्रम का विधिवत रूप से शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर हरियाणा शिक्षा बोर्ड भिवानी की दसवीं व बारहवीं कक्षा में राज्य व जिला स्तर पर प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान हासिल करने वाले करीब 300 मेधावी छात्र एवं छात्राओं को मेडल पहनाकर व प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया तथा उनको उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा शिक्षा की आधारभूत संरचना को मजबूत करने के साथ-साथ स्कूलों में भी बड़ा बदलाव करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में अच्छे शिक्षक होते हैं क्योंकि वे कई टेस्ट पास करके अध्यापक बनते हैं।
सरकार द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता में भी निरंतर सुधार किया जा रहा है और केंद्र सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति बनाई गई है। हरियाणा सरकार भी नई शिक्षा नीति के अनुरूप प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में आमूल-चूल परिवर्तन कर रही है।
बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 20 किलोमीटर के क्षेत्र में एक महिला कॉलेज की स्थापना की गई है। उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों के दौरान प्रदेश में करीब 35 महिला कॉलेज खोले गए हैं ताकि बेटियों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए दूर न जाना पड़े और वे शिक्षा से वंचित न रहें।
उन्होंने यह भी बताया कि सरकार द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है कि कोई भी बच्चा स्कूल से ड्रॉप आउट न रहे, इसके लिए समय समय पर शिक्षा विभाग समीक्षा करता रहता है और जहां बच्चे स्कूल से ड्रॉप आउट मिलते हैं, उस क्षेत्र में जाकर शिक्षक दोबारा से बच्चों का स्कूल में दाखिला करवाने के लिए बच्चे के साथ साथ उनके अभिभावकों को भी प्रेरित करते हैं।