हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री कंवरपाल ने बताया कि गत दिवस पंचकूला में आयोजित राज्य स्तरीय पंचायत-सम्मेलन में प्रदेश सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं को एक साथ कई सौगात दी है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री नायब सैनी ने 2400 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की घोषणा की वहीं प्रदेश की 1861 ग्राम पंचायतों को एससी/बीसी चौपालों की मरम्मत या अधूरी पड़ी चौपालों को पूरा करने के लिए अनुदान के तौर पर एक क्लिक से 118 करोड़ 47 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर किए। मुख्यमंत्री ने पंचायती राज प्रतिनिधियों की पेंशन में बढ़ोतरी करने की घोषणा भी की।
कृषि मंत्री कंवर पाल ने कहा कि सभी सरपंच अपने -अपने गांव के विकास के लिए कार्य करवाने हेतु रोड-मैप बनाएं , धन की कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि वे पंचायत में प्रस्ताव पास करके अपने क्षेत्र के विधायकों को भेज दें , बिना रोक-टोक काम करवाया जाएगा।
कृषि मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार पहली सरकार है जिसने पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के मानदेय में न केवल बढ़ोतरी की है बल्कि प्रतिनिधियों को पेंशन देना हमने ही शुरू किया है। जिला परिषद अध्यक्ष को दी जाने वाली पेंशन को दो हजार से बढ़ाकर तीन हजार कर दिया है।
इस प्रकार , उपाध्यक्ष की पेंशन को एक हजार से बढ़ाकर 1500 रुपये , पंचायत समिति अध्यक्ष की पेंशन को 1500 रुपये से बढ़ाकर 2250 रुपये , उपाध्यक्ष की पेंशन को 750 रुपये से बढ़ाकर 1125 रुपये तथा सरपंच की पेंशन एक हजार रुपये बढ़ाकर 1500 रुपये कर दी है।
उन्होंने प्रदेश के गांवों के विकास में सरपंचों की अहम भूमिका बताते हुए कहा कि हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा कि पंचायतें भारतीय लोकतंत्र का आधार -स्तम्भ हैं जिनकी मजबूरी में ही नए भारत की समृद्धि निहित है।
उन्होंने कहा कि 10 वर्ष पहले की सरकारें अगर किसी गांवों के विकास के लिए एक बार 5 लाख रुपये की घोषणा कर देती थी तो उसका 6 महीने तक केवल ढिंढोरा पीटती थी जबकि काम होते ही नहीं थे। लेकिन वर्तमान सरकार ने तो 5-5 लाख रुपये अनगिनत बार गांव को दिए हैं जिससे गांवों की तस्वीर ही बदल गई है।
मंत्री कंवर पाल ने पूर्व की सरकारों के साथ वर्तमान सरकार की तुलना करते हुए बताया कि वर्ष 2014 से पहले पंचायतों के लिए राज्य वित्त आयोग का अनुदान 600 करोड़ रुपये था , जबकि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने यह अनुदान बढाकर 2968 करोड़ रुपये कर दिया है।
उन्होंने आगे बताया कि वर्तमान सरकार ने इस वित्त वर्ष के बजट में ग्रामीण क्षेत्र के विकास हेतु 7276.77 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं जबकि पहले की सरकार ने वर्ष 2013 – 14 के दौरान 1898.48 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की थी।