हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच ने कहा कि पिपली से लेकर ज्योतिसर तक सरस्वती नदी की क्षमता अब 25 क्यूसिक से बढकर 50 क्यूसिक हो जाएगी। इस सरस्वती नदी के साथ ड्रेन का जीर्णोद्धार का कार्य शुरू कर दिया गया है। इस सरस्वती नदी के दूसरे किनारे को पक्का करने के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से करीब 30 करोड़ का बजट खर्च किया जाएगा।
उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच रविवार को सरस्वती ड्रेन के मेंटेनेंस कार्य का शुभारंभ करने के उपरांत अधिकारियों से बातचीत कर रहे थे। इससे पहले बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच अधीक्षण अभियंता अरविंद कौशिक, अमित रोहिला व अन्य अधिकारियों ने मंत्रोच्चारण के बीच निर्माण कार्यों की नीव रखी और नारियल तोडकर कार्य का परम्परा अनुसार शुभारंभ भी किया।
उपाध्यक्ष ने कहा कि सरस्वती नदी के साथ चलती ड्रेन के 19 किलोमीटर एरिया को दुरुस्त किया जाएगा। इस ड्रेन के निर्माण कार्य पूरा होने के बाद सरस्वती नदी का भी कायाकल्प हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरस्वती नदी की क्षमता बढ़कर 50 क्यूसिक हो जाएगी और इसकी चौड़ाई भी 5 फीट तक पहुंच जाएगी। इस ड्रेन के ठीक होने के बाद शहर में सरस्वती नदी में गिरने वाले सभी गंदे पानी के बिन्दु बंद हो जाएंगे। इसके लिए अधिकारियों को खूब मेहनत करनी होगी।
इस सरस्वती नदी के साथ लगते ड्रेन का कार्य पूरा होने के बाद शहरी क्षेत्र में सरस्वती नदी के दूसरे किनारे को पक्का किया जाएगा और इस परियोजना पर करीब 30 करोड़ का बजट बोर्ड की तरफ से खर्च किया जाएगा।
अहम पहलू यह है कि एक साल की कड़ी मेहनत करने के बाद बोर्ड को ड्रेन को ठीक करने की अनुमति प्राप्त हुई है। इससे ड्रेन का पानी भी साफ और स्वच्छ हो जाएगा तथा शहर को बरसात के दौरान बाढ़ जैसी समस्या से भी निजात मिलेगी।