April 21, 2025
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आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने प्रेसवार्ता कर अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले का हम स्वागत करते हैं और सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद करते हैं। इस दौरान उनके साथ लीगल विंग के प्रदेश उपाध्यक्ष गेहल सिंह संधू मौजूद रहे।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से साबित हो गया है कि बीजेपी सरकार एजेंसियों का दुरुपयोग करके लोगों को जिस तरीके से तोड़ना चाहते हैं और विरोधियों के खिलाफ साजिशें रचते हैं। उसके खिलाफ अरविंद केजरीवाल जो लड़ाई शुरू की वो अब धीरे धीर कामयाबी की तरफ बढ़ रही है।

उन्होंने कहा कि बीजेपी ने बहुत सारे राज नेताओं के पीछे एजेंसियां लगाई, बहुत सारे व्यापारी, सीनियर अधिकारी, मीडिया के साथी और ऐसे बहुत सारे संस्थान और लोग हैं। जिन्होंने बीजेपी और केंद्र सरकार की एजेंसियों की साजिशों के सामने घुटने टेक दिए।

ऐसे अरविंद केजरीवाल ले पीएम मोदी की इन एजेंसियों के खिलाफ लड़ाई लड़ने की ठानी और वो लड़ाई आज कामयाबी की तरफ बढ़ रही है। जिसको लेकर आम आदमी पार्टी में खुशी की लहर है।

उन्होंने कहा कि पहले राऊज एवेन्यु कोर्ट का फैसला आया, जिसमें अरविंद केजरीवाल को इस कथित फर्जी शराब घोटाले के मामले में जमानत दी गई। जिसमें कोर्ट ने कहा कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ईडी के पास कोई सुबूत नहीं है और न ही कोई मनी ट्रेल हुआ है।

ईडी पक्षपात तरीके से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ जांच कर रही है। आज सुप्रीम कोर्ट ने भी एक महत्वपूर्ण विषय पर टिप्पणी की है। अरविंद केजरीवाल ने जो गैरकानूनी तरीके से उनकी गिरफ्तारी पर सवाल उठाया था कि ईडी मनचाहे तरीके से जब चाहे और जिसको चाहे गिरफ्तार कर लेती है।

फिर जमानत की शर्तें इतनी मुश्किल है कि ईडी के इस कानून में जमानत मिल पाना नामुमकिन है और कोई भी व्यक्ति एक राजनीति कैदी बनकर रह जाता है जा सरकार के खिलाफ आवाज उठाता है। सुप्रीम कोर्ट ने उस मामले को लार्जर बेंच को रेफर किया है। जो स्पष्ट तौर पर बताता है कि ये सवाल महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने इस तानाशाही के खिलाफ जो सवाल उठाए, वो सवाल अब जनता और सुप्रीम कोर्ट के लिए महत्वपूर्ण सवाल बन गए है। इन पर कोर्ट की तरफ से भविष्य में जो भी निर्णय आएगा। वो पूरे देश में एक नजीन स्थापित करेगा।

लोगों में कम से कम ये आत्मविश्वास पैदा हुआ है कि एजेंसियों की जो मनमानी और तानाशाही चल रही थी, उसके खिलाफ सवाल अब सही प्लेटफॉर्म तक पहुंच गए हैं और धीरे धीरे निर्णय भी आने लगे हैं।

उन्होंने कहा आज कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी इतना सबजेक्टिव विषय है यदि इनवेस्टिगेटिव अफसर चाहता है कि उसे गिरफ्तारी करने की जरूरत है। उस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जितना आसान गिरफ्तार करना है तो जमानत की शर्तें भी उतनी आसान होनी चाहिए।

यदि ईडी के कानून के अनुसार जमानत मिलना मुश्किल है तो गिरफ्तारी की सीमा भी हाई होनी चाहिए। जिस केस में ये दो साल से भटका रहे हैं, जिस पर आज तक एजेंसियों ने ट्रायल शुरू नहीं होने दिया। इस पर बार बार कोर्ट ने भी टिप्पणी की है कि एजेंसियों क्यों नहीं ट्रायल में आती हैं।

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