November 23, 2024

1 जुलाई 2024 से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए है। आमजन को नए कानूनों की जानकारी देने के लिए एसपी उपासना के मार्गदर्शन में सोमवार को जिला में प्रत्येक थाना, चौकी में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये गए।

इस दौरान पर्यवेक्षण अधिकारी, थाना प्रबंधक व चौकी इचार्जों ने आमजन को नए कानूनों की विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम में विभिन्न गांवों के सरपंच, कॉलोनी व गांवों के मौजिज व्यक्ति सहित महिलाएं मौजूद रही।

एसपी उपासना ने कहा कि 1 जुलाई 2024 से देश में भारतीय दण्ड संहिता (IPC), दण्ड प्रक्रिया संहिता (CRPC) व साक्ष्य अधिनियम की जगह तीन नये कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) लागू हो गए हैं।

नए कानूनों बारे सभी अनुसंधानकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया है और कैथल पुलिस इसके तहत कार्यवाही करने के लिए तैयार है। रविवार रात 12 बजे से यानी एक जुलाई की तारिख शुरू होने के बाद घटित हुए सभी अपराध नये कानून के तहत दर्ज किये जाएंगे। एसपी ने बताया कि नए कानून में त्वरित न्याय सुनिश्चित करने लिए एफआईआर से लेकर फैसले तक को समय सीमा में बांधा गया है।

शिकायत मिलने पर एफआईआर दर्ज करने, जांच पूरी करने, माननीय न्यायालय के संज्ञान लेने, दस्तावेज दाखिल करने और ट्रायल पूरा होने के बाद फैसला सुनाने तक की समय सीमा तय है। नए कानून में ई-एफ.आई.आर. या जीरो एफ.आई.आर. का प्रावधान किया गया हैं।

जांच में प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढावा दिया गया है तथा एफआईआर प्रक्रिया व पीड़ितों की सुरक्षा को सुव्यवस्थित किया गया है। नया कानून आडियो विडियो के माध्यम से भी पीड़ित को ब्यान रिकॉर्डिंग का अधिकार देता है। तलाशी व जब्ती के लिए वीडियोग्राफी की प्रक्रिया शुरू की गई है तथा जिसमें जब्त वस्तुओं की सूची व गवाहों के हस्ताक्षर करना शामिल है।

मॉब लिंचिंग को एक ऐसे अपराध के रूप में शामिल किया गया है, जिसके लिए अधिकतम सजा मृत्युदंड है। नए कानून में कम्युनिटी सर्विस के लिए भी कई प्रावधान किए गए हैं। महिला के साथ झूठे वादे के संबंध में यौन संबंध बनाने पर सख्त सजा का प्रावधान किया गया है।

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