एनसीसी निदेशालय पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ (पीएचएचपीएंडसी) द्वारा मुख्यालय डीजी एनसीसी के तत्वावधान में आज डीएवी कॉलेज सेक्टर-10, चंडीगढ़ में एक प्रेरक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
यह कार्यक्रम कारगिल युद्ध के 25 वर्ष पूरे होने पर कारगिल विजय दिवस की रजत जयंती के अवसर पर आयोजित किया गया, तथा इसने युवा एनसीसी कैडेटों को रक्षा बलों के वास्तविक नायकों के साथ बातचीत करने के लिए एक उपयुक्त मंच प्रदान किया।
इस अवसर पर जनरल वीपी मलिक, पूर्व सेनाध्यक्ष (सेवानिवृत्त) और लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी, उत्तरी कमान के पूर्व सेना कमांडर (सेवानिवृत्त) विशिष्ट अतिथि वक्ताओं में से थे।
अपने संबोधन में जनरल वीपी मलिक ने भविष्य के सैनिकों यानी एनसीसी कैडेटों को एक उपयुक्त मंच प्रदान करने के लिए इस मूल्यवान सेमिनार के आयोजन के लिए महानिदेशक एनसीसी और एडीजी एनसीसी (पीएचएचपीएंडसी) की सराहना की।
उन्होंने कहा कि यह कैडेटों के लिए हमारे कारगिल नायकों की बहादुरी की कहानियों के बारे में जानने का वास्तविक माध्यम है। उन्होंने बताया कि यह सराहनीय है कि सरकार ने एनसीसी कैडेटों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है।
इस अवसर पर एनसीसी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीरपाल सिंह ने मुख्य भाषण देते हुए कहा कि पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ के एनसीसी निदेशालय द्वारा आयोजित इस प्रेरक सेमिनार में हम कारगिल में विजय के 25 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमने असली युद्ध नायकों और कारगिल ऑपरेशन में शामिल बहादुरों को अपने क्षेत्र के अनुभवों को साझा करके युवा कैडेटों को प्रेरित करने और उनसे बातचीत करने के लिए आमंत्रित किया है।
सेमिनार की शुरुआत एनसीसी निदेशालय पीएचएचपीएंडसी के अतिरिक्त महानिदेशक मेजर जनरल एमएस मोखा के स्वागत भाषण से हुई। इस अवसर पर ब्रिगेडियर एसएस शेखावत, ब्रिगेडियर विजय भास्कर (सेवानिवृत्त), कर्नल सचिन निंबालकर और कर्नल सोनम वांगचुक (सेवानिवृत्त) ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
प्रेरक वार्ता दो सत्रों में हुई। सम्मानित अधिकारियों और उनके वीर दल द्वारा लड़ी और जीती गई वास्तविक लड़ाइयों के विस्तृत विवरणों ने 500 से अधिक एनसीसी कैडेटों, संबद्ध एनसीसी अधिकारियों, शोध विद्वानों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरों और अन्य प्रतिष्ठित मेहमानों व दर्शकों को एक रोमांचक और आकर्षक अनुभव प्रदान किया।