जिला लोक सम्पर्क एवं कष्ट निवारण समिति के अध्यक्ष हरियाणा के परिवहन व महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री असीम गोयल नन्यौला ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अधिकारी अपनी कार्य प्रणाली में सुधार करे।
जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक लोगों की सुविधा के लिए होती है, समस्या पैदा करने के लिए नहीं, ऐसी-ऐसी शिकायते पड़ी है जिनका निराकरण 2-3 साल तक नहीं हो सका। अधिकारी सावधान हो, राज लोकशाही से चलेगा, अफसरशाही से नहीं।
वे शुक्रवार को जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में 16 परिवाद रखे गए जिसमें से 13 परिवादों का निपटान मौके पर किया गया। उन्होंने कहा कि अधिकारी लोगों की समस्याओं को गम्भीरता से लें।
बड़े दुख की बात है कि कष्ट निवारण समिति के सदस्यों को भी बैठक में अपनी शिकायत रखने पर मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने कष्ट निवारण समिति की बैठक में सीएम विंडो का जिक्र करते हुए कहा कि यह न्याय का बहुत बड़ा माध्यम है, इसके माध्यम से पीड़ित को समयबद्ध तरीके से न्याय मिल रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की यह दूरगामी सोच का परिणाम रहा है। उन्होंने यह बताया कि करीब 86 प्रतिशत लोगों को सीएम विण्डो के माध्यम से न्याय मिला है। हरियाणा देश का पहला राज्य है जहां पर लोगों को न्याय दिलाने के लिए सीएम विंडो की शुरुआत की गई।
जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में खुंडे वाला वासी दुष्यंत ने शिकायत की है कि खसरा नम्बर 259,260 व 265 में शरारती तत्वों द्वारा नाजायज कब्जा किया गया है। परंतु नगर निगम अधिकारियों द्वारा यह कब्जा नहीं हटवाया जा रहा है। इस पर संयुक्त आयुक्त नगर निगम ने रिर्पोट प्रस्तुत करते हुए जानकारी दी कि निगम द्वारा पैमाईश करवाई गई है।
खसरा नम्बर 259 में 24 लोग, खसरा नम्बर 260 में 30 लोगों ने अवैध कब्जा किया है तथा कुछ लोगों का गली में कब्जा दिखाया गया है, शीघ्र ही नोटिस देकर आगामी कार्यवाही की जाएगी। इसके लिए मंत्री ने संयुक्त आयुक्त नगर निगम को निर्देश दिए कि 31 अगस्त 2024 तक इसका पूरा कार्य निपटा लें और रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
शेर सिंह निवासी इस्माइलपुर ने शिकायत की है कि उनके खेतों में से पानी की निकासी के पाइप डाल दिए है जिससे उन्हें काफी दिक्कत हो रही है।
मंत्री ने इस कार्य के लिए सिंचाई, पीडब्ल्यूडी, जन स्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी अभियंता व कमेटी के सदस्य जगदीश को इसकी जांच करने व रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए है और मानवता के आधार पर पीड़ित को हर संभव सहयोग देने की बात कही है।